
नई दिल्ली। लद्दाख के सियाचिन ग्लेशियर इलाके में सोमवार को हुए हिमस्खलन में 4 सैनिक शहीद हो गए हैं। जबकि दो स्थानीय नागरिकों की भी मौत हो गई। वहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सियाचिन में हिमस्खलन के कारण सैनिकों और पोर्टरों के निधन पर गहरा दुख जताया है। राजनाथ ने कहा कि मैं उनके साहस और राष्ट्र की सेवा को सलाम करता हूं। उनके परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना है।
जानकारी के अनुसार बर्फीले तूफान में फंसे आठ में 4 जवानों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि "ये जवान गश्त पर थे।
अचानक हिमस्खलन होने के कारण ये समुद्र तल से 18,000 और 19,000 फीट ऊंचाई पर बर्फीली चट्टानों के बीच फंस गए।
आपको बता दें कि सियाचिन दुनिया का सबसे ऊंचा रणक्षेत्र है। पिछले महीने लद्दाख दौरे के दौरान रक्षामंत्री राजनरथ सिंह ने ग्लेशियर को पर्यटकों के लिए फिर से खोले जाने की घोषणा की थी।
वहीं, हिमस्खलन की चपेट में आए 7 लोगों की स्थिति अभी गंभीर बने हुई है। इससे पहले इसी साल फरवरी में जम्मू-कश्मीर के उत्तरी क्षेत्र के कुपवाड़ा में भारी हिमस्खलन हुआ था।
इस तूफान में बमाछिल सेक्टर स्थित आर्मी पोस्ट बुरी तरह से चपेट में आ गई थी, जिसमें 3 जवानों की मौत हो गई थी जबकि एक घायल हो गया था।
जबकि इससे पहले जनवरी में ऐसा ही बर्फीला तूफान लेह लद्दाख में उस समय उठा था, जब बर्फ का पहाड़ खिसकने से भारी तबाही हुई थी।
इस तूफान में खारदूंगला दर्रे के पास कई वाहन दब गए थे। इस हादसे में 5 लोगों की मौत हो गई थी।
Updated on:
19 Nov 2019 08:39 am
Published on:
19 Nov 2019 08:15 am
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