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दो जुड़वा जिंदगी बचाने में जुटे एम्स के 40 डॉक्टर, देश भर में हो रही हैं दुआएं

सिर से जुड़े जुड़वा बच्चों का ऑपरेशन एम्स दिल्ली में शुरू हो गया है। 40 डॉक्टरों की टीम इनका ऑपरेशन कर रही हैं और पूरा देश इनके लिए दुआएं मांग रहा है

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Chandra Prakash Chourasia

Oct 25, 2017

separate children

भुवनेश्वर/नईदिल्ली। सिर से जुड़े जुड़वा बच्चों का ऑपरेशन एम्स दिल्ली में शुरू हो गया है। यह ऑपरेशन दोनों बच्चों को अलग-अलग जिंदगी जीने के लिए ओडिशा सरकार के अनुरोध पर किया जा रहा है। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने इसके लिए एक करोड़ का अनुदान मुख्यमंत्री राहत कोष से दिया है।


27 घंटे तक 40 डॉक्टर करेंगे ऑपरेशन
पहले चरण का ऑपरेशन 16 अगस्त को किया गया था। राज्य के स्वास्थ मंत्री प्रताप जेना ने बताया कि एम्स के डाक्टरों के अनुसार जग्गा और बलिया नाम के दोनों बच्चों का यह ऑपरेशन पूरा होने में 25 से 27 घंटे तक ले सकता है। नौ बजे ऑपरेशन शुरू हो गया है। ओडिशा के लोग इन बच्चों की बेहतरी के लिए दुआएं मांग रहे हैं।


ओड़िशा सरकार ने खोला खजाना
जेना ने बताया कि उन्होंने एम्स के संबंधित डाक्टरों से कह दिया है कि इस ऑपरेशन को सफल बनाने के लिए विदेशी डाक्टरों की जरूरत पड़े तो बुलवा लीजिए। राज्य सरकार सारा खर्चा वहन करेगी। जेना का कहना है कि एम्स के विशेषज्ञ डाक्टरों की टीम लगी है, उनका कहना है कि विदेश से डाक्टरों को बुलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

दो साल के हैं जग्गा-बलिया
जग्गा-बलिया की आयु दो साल चार महीने है। ये दोनों बच्चे कंधमाल जिले के फिरिंगिया ब्लाक के मिलिपाड़ा गांव के आदिवासी गरीब परिवार से हैं। जुलाई 13 से ये दोनों एम्स में भर्ती हैं। दोनों की एक सर्जरी हो चुकी है जिसमें 40 डाक्टरों की टीम ने 20 घंटे तक ऑपरेशन किया था। डाक्टरों का कहना है कि जग्गा-बलिया सिर से जुड़े बच्चे इनका सारा सिस्टम ब्रेन से जुड़ा है। दिमाग की नसें आपस में जुड़ी है जो मस्तिष्क से दिल को रक्त लौटाते हैं। ऐसा होने के कारण ऑपरेशन आसान नहीं है।


भारतीय डॉक्टर कर रहे ऐसा पहला ऑपरेशन
बताया जाता है कि भारतीय डाक्टर पहली ऐसा ऑपरेशन कर रहे हैं। डाक्टरों का कहना है कि ब्लड लॉस के साथ ही बॉडी तापमान मेंटेन रखने की चुनौती होगी। उनका कहना है कि ऐसे मामले में कोशिश कोशिश तो दोनों ही बचाने की होगी पर एक भी बच जाता है तो चिकित्सा विज्ञान में उपलब्धि कही जा सकती है। सिर जुड़े जुड़वा ढाई करोड़ में एक भी मिल जाए तो बड़ी बात मानी जाती है। दस में से चार ऐसे जुड़वा बच्चे जन्म लेते ही मर जाते हैं। अतिरिक्त तीन 24 घंटों के भीतर मर जाते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार 1952 से दुनिया भर में ऐसे जुड़वाओं को अलग करने के लिए करीब पचास प्रयास किए गए हैं। सक्सेज रेट 25 प्रतिशत है।