
नई दिल्ली: साल 2015 में नीतीश कुमार NDA से अलग होकर RJD के साथ महागठबंधन में शामिल होकर बिहार विधानसभा का चुनाव लड़े।चुनाव का असल मुद्दा था शराबबंदी।नीतीश ने वादा किया कि अगर वे फिर सत्ता में आए तो शराबबंदी लागू कर देंगे।
नीतीश चुनाव जीत गए और सत्ता में लौटते ही राज्य में शराबबंदी की घोषणा कर दी। लेकिन असल सच्चाई ये है कि राज्य में अब भी खुलेआम शराब बेची जा रही है। लोग बॉर्डर के इलाकों से धड़ल्ले से शराब खरीदते हैं और पीते हैं। अब जहरीली शराब की वजह से पांच लोगों की मौत का ममाला सामने आया है। हालांकि अधिकारी जहरीली शराब से मौत होने की बात से इनकार कर रहे हैं ।
जानकारी के अनुसार मामला मुजफ्फरपुर जिले का है। यहां पिछले तीन दिन में कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से पांच लोगों की मौत हो चुकी है।मृतक के परिवार के एक सदस्य मीडिया से बात करते हुए कहा कि कटरा थाना के दरगाह गांव में शराब पीने से कई लोग मर गए।
एक अलावा पुलिस अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि गांव में पांच लोगों की मौत हो गई है । हालांकि उन्होंने इस बात से इनकार किया है कि मौत जहरीली शराब पीने से हुई। वहीं इस घटना के बाद एसएसपी ने कटरा पुलिस स्टेशन के थानाधिकारी सिकंदर कुमार को निलंबित कर दिया है। एसएसपी ने बताया कि अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। हमने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की है। फिलहाल मामले की जांच चल रही है।
वहीं इस घटना को लेकर जीतनराम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा ने सीएम नीतीश कुमार से मांग की है कि गोपालगंज और मुजफ्फरपुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) के खिलाफ हत्या का मुकदमा चलाया जाए।
एचएएम के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा, ‘जिन जिलों में भी अवैध शराब का कारोबार चल रहा है या जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत हो रही है, उन जिलों के एसपी के खिलाफ सरकार त्वरित कार्रवाई करे, हत्या का मुकदमा दर्ज कराए। बिहार में पुलिस पदाधिकारियों की मिलीभगत से ही अवैध शराब का कारोबार फल-फूल रहा है।’
Published on:
21 Feb 2021 03:35 pm
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