नई दिल्ली। सड़क से लेकर संदद तक ही नहीं, इन दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वैश्विकपटल पर छाए हुए है। रविवार को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व की प्रतिष्ठित मैग्जीन ने विश्व के प्रभावशाली शख्सियतों की सूची में पहला स्थान दिया है। हालांकि इसकी अधिकारिक घोषणा 7 दिसंबर को की जाएगी। खास बात यह है कि मोदी के साथ टक्कर लेने वालों में बराक ओबामा, डोनाल्ड ट्रंप……जैसी कई जानीमानी शख्सियत थीं, लेकिन इन सभी को पछाड़ते हुए मोदी ने साबित कर दिया कि उनकी लोकप्रियता का पैनामा कहां तक है।
ऐसे में सवाल यह खड़ा होता है कि आखिर मोदी ने इतने कम समय में देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी अपना परचम कैसे लहराया, तो आपको बताते हैं कि इन दिनों मोदी अपने कड़े फैसलों के चलते चर्चाओं में बने हुए हैं, जिसमें सबसे कड़ा फैसला नोटबंदी का था, जिसे दुनिया के कई देशों और बड़ी शख्सियतों से सराहा। इसके बाद एक और कारण मोदी को औरों से अलग बनाता है, वह है उनका भाषण के जरिए लोगों को सम्मोहित करने का तरीका। वैसे तो मोदी के कई भाषण दमदार रहे हैं, लेकिन इनमें से कुछ भाषण ऐसे भी रहे जब उनके दिल का दर्द छलक उठा। वे भावुक हो उठे। इस खबर में हम आपको उन्ही भाषणों के कुछ अंशों से रूबरू करवाने की कोशिश कर रहे हैं, जिनसे मोदी का दर्द छलक उठा था।
ये हैं वो पल जब पीएम मोदी भावुक हुए थे:-
1. 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी की घोषणा करने के बाद 13 नवंबर को गोवा में भाषण देते नरेन्द्र मोदी भावुक हो गए थे। उन्होंने कहा, मैंने देश के लिए घर-परिवार सब कुछ छोड़ दिया। यह बोलते वक्त मोदी को बमुश्किल अपने आंसू रोक पाए।
2. जनवरी 2016 में बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह के दौरान छात्र रोहित वेमुला की मौत का जिक्र करते वक्त भी मोदी भावुक हो गए थे। उन्होंने कहा था कि एक मां ने अपना बेटा खोया है, इसका दर्द वे भलीभांति महसूस कर सकते है।
3. नवंबर 2015 में संसद में संविधान पर चर्चा के दौरान भी पीएम मोदी भावुक नजर आए थे। बाबा साहब अंबेडकर का जिक्र करते वक्त उनकी आंखें भर आई थीं।
4. सितंबर 2015 में अमेरिका यात्रा के दौरान जब मोदी फेसबुक हेडक्वार्टर में मार्क जुकरबर्ग के सवालों का जवाब दे रहे थे, तभी अपने मां से जुड़े हुए सवाल का जवाब देते हुए पीएम की आंखे भ्भर आई थी। मां संघर्ष के बारे में बात करते हुए मोदी भावुक हो गए थे।
5. मई 2015 में मोदी प्रधानमंत्री बनने के बाद बंगाल दौरे के समय पहली बार बेलूर मठ गए थे। वहां जब उनके लिए स्वामी विवेकानंद का कमरा खोला गया तो वे भावुक हो उठे थे। बता दें मोदी जब युवावस्था में साधु बनना चाहते थे तब इसी मठ ने उनकी अपील को तीन बार नामंजूर कर दिया था।
6. मई 2014 में प्रधानमंत्री बनने से पहले मोदी के लिए गुजरात विधानसभा में विशेष सत्र रखा गया था। इसमें मोदी ने विदाई भाषण में विपक्ष की भी तारीफ की थी। जब विपक्ष के नेता उन्हें शुभकामनाएं दे रहे थे, तब मोदी भावुक हो गए थे।
7. लोकसभा चुनाव के बाद मई 2014 में भाजपा संसदीय दल का नेता चुने जाने के बाद संसद के सेंट्रल हाल में लालकृष्ण आडवाणी के बयान (नरेंद्र भाई ने कृपा की) का जिक्र करते हुए मोदी के आंसू छलक पड़े थे। उन्होंने कहा कि वह (आडवाणी) कृपा शब्द का इस्तेमाल न करें। भाजपा मेरे लिए मां समान है और मां के लिए की गई सेवा कोई कृपा नहीं होती है।
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