26 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

अभिषेक के बाद बदरीनाथ धाम के खुले कपाट, मुख्य पुजारी समेत 28 लोग मौजूद

4 बजकर 30 मिनट पर हुआ भगवान बदरीनाथ का अभिषेक भव्य रूप से सजाया गया बदरीनाथ का मंदिर सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का किया गया पालन

2 min read
Google source verification
Badrinath Temple

नई दिल्ली। देशभर में लागू लॉकडाउन ( Lockdown ) का तीसरा चरण दो दिन बाद समाप्त हो जाएगा और नई गाइडलाइन के साथ चौथा चरण प्रभाव में आएगा। दूसरी तरफ कोरोना संकट के बीच उत्तराखंड में शुक्रवार को सुबह 4 बजकर 30 मिनट पर बदरीनाथ मंदिर ( Badrinath temple ) के कपाट खोल दिए गए। इस अवसर पर पारंपरिक तरीके से पूजा-अर्चना और धार्मिक गतिविधियां संपन्न हुईं।

बद्रीनाथ का कपाल खोले जाने के दौरान मुख्य पुजारी समेत 28 लोग वहां मौजूद थे। सामान्य दिनों में इस अवसर पर भारी संख्या में देशभर से लोग पहुंचते रहे हैं। स्थानीय प्रशासन की ओर से सोशल डिस्टेंसिंग की वजह से कुछ लोगों को ही पूजा अर्चना में शामिल होने की अनुमति दी गई थी। हालांकि, इसके बावजूद को कपाट खोले जाने के मद्देनजर परिसर को फूलों से भव्य रूप से सजाया गया है।

आज सुबह ब्रह्म मुहूर्त में मंदिर के कपाट खोलने के बाद सुबह 4.30 बजे बदरीनाथ भगवान का अभिषेक किया गया। बुधवार को पुजारी जोशीमठ नरसिंह मंदिर में पूजा अर्चना के बाद आदिगुरु शंकराचार्य की गद्दी तथा गाडू घड़ा (तेल कलश) को साथ लेकर योगध्यान मंदिर पांडुकेश्वर पहुंचे थे।

सूरज पर भी लगा लॉकडाउन का ग्रहण, नासा ने भीषण ठंड, भूकंप और सूखे की जताई चिंता

इससे पहले जोशीमठ के नृसिंह मंदिर जोशीमठ में पूजा-अर्चना यज्ञ-हवन किया गया। गुरुवार की शाम उद्धव और कुबेर के विग्रहों के साथ मुख्य पुजारी रावल ईश्वरी प्रसाद नम्बूदरी समेत 31 चारधाम देवस्थानम बोर्ड के कारिंदे और हक हकूकधारी ग्रामीण बदरीनाथ धाम पहुंचे।

लॉकडाउन और कोरोना महामारी के बीच बुधवार से भगवान बदरीनाथ के कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू हुई थी। गुरुवार को सादगीपूर्ण ढंग से आदिगुरू शंकराचार्य की गद्दी समेत उद्धव और कुबेर के विग्रहों के साथ योगध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर से बदरीनाथ धाम को रवाना हुई। लॉकडाउन के चलते इस बार रास्ते में लामबगड़ और हनुमान चट्टी में देव डोलियों ने विश्राम नहीं किया। इस बार इन स्थानों पर भंडारे भी आयोजित नहीं हुए। बदरीनाथ पहुंचकर भगवान बदरी विशाल के जन्मस्थान लीला ढूंगी में रावलों की तरफ से पूजा-अर्चना की गई।

मोदी सरकार को प्रवासी मज़दूरों की भूख का ख़्याल, हर महीने देगी गेहूं, चावल और दाल

20 मई को खुलेंगे तुंगनाथ जी के कपाट

बता दें कि बद्रीनाथ का कपाल खुलने से पहले 29 अप्रैल को केदारनाथ धाम के कपाट खोले गए। श्री गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के कपाट 26 अप्रैल को खुल गए हैं।जबकि द्वितीय केदार मद्महेश्वर जी के कपाट 11 मई को खुले। तृतीय केदार तुंगनाथ जी के कपाट 20 मई को खुलेंगे। चतुर्थ केदार रुद्रनाथ जी के कपाट 18 मई को खुलेंगे।