‘जनता कर्फ्यू में थाली, घंटी और शंख बजाने की अपील’ दरअसल, लॉकडाउन से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विगत 22 मार्च यानी रविवार को देश में ‘जनता कर्फ्यू’ की घोषणा की थी। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशवासियों से शाम पांच बजे पांच मिनट तक के लिए लोगों से थाली, घंटी और शंख बजाने की अपील की थी। पीएम का कहना था कि कोरोना के खिलाफ जारी लड़ाई में जो लोग लगातार लगे हुए हैं, जैसे कि डॉक्टर्स, पुलिसकर्मी, मीडिया पर्सन इत्यादि उन सबको थाली बजाकर, घंटी बजाकर और शंख बजाकर धन्यवाद किया जाए। प्रधानमंत्री की इस अपील पर एक साथ पूरे देश में पांच मिनट तक के लिए ये सब चीजें बजती रही।
‘नौ मिनट की दिवाली’ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पांच अप्रैल यानी रविवार को लोगों से रात नौ बजे नौ मिनट तक सभी लाइट्स ऑफ कर अपने-अपने घरों में दीया, मोमबत्ती, फ्लैश लाइट्स जलाने की अपील की थी। पीएम का कहना था कि इस रोशनी के जरिए हम कोरोना के अधंकार को भगाने का प्रयास करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर रविवार रात नौ बजते ही घरों में लोगों ने लाइटें बंद कर दीं। इसके बाद दीप और मोमबत्ती जलाकर लोगों ने संदेश दिया कि कोरोना महामारी से चल रही जंग में वह एकजुट हैं। अप्रैल में ही पूरे देश में दिवाली जैसा माहौल बन गया। इस दौरान लोगों ने सोशल डिस्टेंस का भी ख्याल रखा। अब सवाल उठता है कि अगर लॉकडाउन की अवधि बढ़ती है तो क्या पीएम मोदी एक बार फिर जनता से कुछ करने की अपील करेंगे? जो इन दिनों चर्चा का विषय भी बना हुआ है। क्योंकि, पीएम मोदी ने खुद कहा था कि कोरोना से लड़ाई लंबी है और सबको एकजुट होकर इसे हराना होगा।