मेरिट का अभाव अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने आपराधिक अवमानना का केस चलाने के लिए याचिका दाखिल करने वाले वकील को भेजे एक पत्र में कहा है कि दिग्विजय सिंह को ऐसा ट्वीट नहीं करना चाहिए था। लेकिन इसे लेकर आपराधिक अवमानना की कार्यवाही शुरू नहीं की जा सकती। ऐसा इसलिए कि इसमें मेरिट के अभाव है। बता दें कि बगैर अटॉर्नी जनरल की अनुमति के किसी के खिलाफ अदालती अवमानना की कार्यवाही शुरू नहीं हो सकती।
Bihar Election 2020 : सीट शेयरिंग पर सस्पेंस खत्म, बीजेपी आज जारी कर सकती है उम्मीदवारों की सूची क्या कहा था दिग्गी राजा ने एमपी के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने एक ट्विट कर विशेष सुरक्षा कानून 2020 को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार की आलोचना की थी। दूसरे ट्वीट में दिग्विजय ने कहा था कि अदालत इस अधिनियम को निरस्त करेगा। इसे लेकर उन्हें संदेह है। इन ट्विट को लेकर एक वकील ने दिग्विजय के खिलाफ कार्यवाही शुरू करने की बात कही थी।
क्या है विशेष सुरक्षा कानून 2020 दरअसल, विशेष सुरक्षा कानून 2020 यूपी सरकार को लोगों और उनके आवासीय परिसरों और राज्य से संबंधित महत्वपूर्ण व रणनीतिक प्रतिष्ठानों के लिए एक विशेष सुरक्षा बल स्थापित करने का अधिकार देता है। यह अधिनियम इसलिए चर्चे में आया कि इसमें विशेष सुरक्षा बल को बहुत अधिकार दिया गया है। यहां तक कि उसे किसी भी व्यक्ति को वारंट के बगैर गिरफ्तार करने का अधिकार भी प्रदान किया गया है।