दरअसल, अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले के मुख्य आरोपी और चार्टर्ड अकाउंटेंट राजीव सक्सेना ( Rajiv Saxena ) ने पूछताछ में खुलासा करते हुए मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ के बेटे बकुल नाथ, भतीजे रतुल पुरी, सलमान खुर्शीद और अहमद पटेल का नाम लिया है।
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इस खुलासे के बाद से अब एक बार फिर कांग्रेस पर कई तरह के सवाल उठने लगे हैं। सक्सेना के बयान का ब्यौरे से यह संकेत मिलते हैं कि अगस्ता वेस्टलैंड सौदे में कथित रूप से किस तरह की कमियां रही हैं। बता दें कि 3,000 करोड़ रुपये के अगस्ता वेस्टलैंड VVIP चॉपर डील केस में तीन हफ्ते पहले ही राजीव सक्सेना को अंतरिम जमानत दी गई है।
ED के पास दर्ज है राजीव सक्सेना का बयान
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय (ED) के पास राजीव सक्सेना का बयान 1000 पन्नों में दर्ज है। 2019 में सक्सेना को दुबई से प्रत्यर्पित किया गया था, जिसके बाद ED ने पूछताछ की थी। इस मामले में सक्सेना की 385 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच कर दी गई थी।
रिपोर्ट के अनुसार, 17 सितंबर को सीबीआई ने कोर्ट में दो सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की, जिसमें कहा गया कि सक्सेना ने 2000 में इंटरस्टेलर टेक्नोलॉजीज के 99.9% शेयर हासिल किए। सक्सेना पर आरोप है कि उन्होंने गौतम खेतान के साथ मिलकर अगस्ता वेस्टलैंड से इंटरस्टेलर टेक्नोलॉजीज के खाते में 12.40 मिलियन यूरो हासिल किए। इतनी बड़ी धनराशि इस सौदे में शामिल बिचौलियों और संदिग्ध अधिकारियों को पेमेंट करने के लिए आगे इस्तेमाल में लाई गई।
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इसके अलावा सक्सेना के स्वामित्व वाली चार कंपनियों (पैसिफिक इंटरनेशनल एफजेडसी, मिडास मेटल्स इंटरनेशनल एलएलसी, मेटॉलिक्स लिमिटेड और यूरोट्रेड लिमिटेड) में ग्लोबल सर्विसेज द्वारा किए गए 9,48,862 यूरो के पेमेंट की भी जानकारी है।
राजीव सक्सेना से पूछताछ के दौरान इस घोटाले के दो अन्य आरोपियों, डिफेंस डीलर सुषेन मोहन गुप्ता और रतुल पुरी के फाइनेंसियल ट्रांजैक्शन पर फोकस किया गया। फिलहाल, मोहन गुप्ता और रतुल पुरी दोनों जमानत पर हैं।