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मेट्रो सेवाएं शुरू करने पर AIIMS COVID टास्कफोर्स का एतराज, कहा- तुरंत नहीं करनी चाहिए बहाल

locationनई दिल्लीPublished: Jun 06, 2021 09:56:12 pm

Submitted by:

Anil Kumar

AIIMS COVID टास्कफोर्स के अध्यक्ष डॉ. नवीत विग ने कहा कि दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन को तुरंत अपना संचालन फिर से शुरू नहीं करना चाहिए। उन्होंने परिचालन के शुरुआती हफ्तों में मेट्रो को 33 प्रतिशत ऑक्यूपेंसी पर चलाने की सिफारिश की।

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AIIMS COVID Taskforce chairman said- DMRC should not be resumed metro services immediately

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना संक्रमण के मामलों में लगातार कमी दर्ज की जा रही है। लिहाजा, पहले से जारी प्रतिबंधों को धीरे-धीरे हटाया जा रहा है। इसी कड़ी में सोमवार से 50 फीसदी क्षमता के साथ मेट्रो सेवाएं भी शुरू की जा रही हैं।

ऐसे में अब AIIMS COVID टास्कफोर्स ने मेट्रो सेवाएं शुरू करे पर एतराज जताया है। AIIMS COVID टास्कफोर्स के अध्यक्ष डॉ. नवीत विग ने रविवार को कहा कि दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन को तुरंत अपना संचालन फिर से शुरू नहीं करना चाहिए। उन्होंने परिचालन के शुरुआती हफ्तों में मेट्रो को 33 प्रतिशत ऑक्यूपेंसी पर चलाने की सिफारिश की।

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इस दौरान डॉ. नवीत ने कोरोनो महामारी की तीसरी लहर से निपटने के लिए आईसीयू बेड की एक सुरक्षित संख्या बनाए रखने और स्वास्थ्य प्रणाली की विभिन्न इकाइयों के बीच सामंजस्य स्थापित करने पर जोर दिया।

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स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर व्यवहारिक होने की जरूरत: डॉ. नवीत

जब डॉ. नवीत से पूछा गया कि दिल्ली को लॉकडाउन प्रतिबंधों को कैसे हटाना चाहिए, इसपर उन्होंने कहा, “लॉकडाउन प्रतिबंध हटा दिए जाने चाहिए, लेकिन धीरे-धीरे होना चाहिए। हमें बहुत धीरे-धीरे खोलना होगा। मेट्रो को चाहिए शुरू करने के लिए कुछ समय लें। इसे तुरंत शुरू नहीं करना चाहिए। पहले कुछ हफ्तों में हमें 25 प्रतिशत या 33 प्रतिशत ऑक्यूपेंसी पर प्रयोग करना चाहिए। अभी तत्काल वायरस को मिटाया नहीं जा सकता है।”

उन्होंने आगे कहा “अगर हमने पहली दो वेब से कुछ सबक सीखा है, तो हम तीसरी लहर से बच सकते हैं। पहली लहर में हमारे पास ऊपर से नीचे का दृष्टिकोण था। हमने लॉकडाउन किया और समुदाय को शिक्षित करने, स्वास्थ्य प्रणाली को संवेदनशील बनाने की कोशिश की और इस तरह हम इसे संभालने में सक्षम थे।”

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एम्स दिल्ली में चिकित्सा विभाग के एचओडी डॉ. नवीत ने आगे कहा “दूसरी लहर में, यह बॉटम-अप दृष्टिकोण था। सभी जिलों, उप-जिलों और गांवों को अपना काम करने के लिए आगे आना पड़ा। अब यह व्यावहारिक होने का समय है। अब हमें जांचना होगा कि क्या हमारे पास प्रत्येक जिले में आईसीयू का 50 प्रतिशत खाली बिस्तर है।”

उन्होंने कहा, “हमें परीक्षण, ट्रैकिंग और क्वारंटीन की देखभाल के लिए पीएचसी, वेलनेस क्लीनिक, उप-केंद्रों में तालमेल बिठाना होगा। हमें जिला स्तर पर एम्बुलेंस सेवाओं को तैयार करना होगा।” उन्होंने स्वच्छ मास्क के साथ डबल मास्किंग का उपयोग करने का भी आग्रह किया। डॉ. नवीत ने कहा, “स्वच्छ मास्क ही मंत्र है।” केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, देशभर में पिछले 24 घंटों में 1,14,460 नए COVID-19 के नए मामले दर्ज किए गए। जबकि 1,89,232 डिस्चार्ज हुए और 2677 लोगों की मौतें हुई है।

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