21 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

नहीं रहे 65 की जंग के हीरो अर्जन सिंह, हार्ट अटैक के बाद आर्मी अस्पताल में थे भर्ती

वायुसेना के मार्शल अर्जन सिंह का शनिवार को निधन हो गया।

2 min read
Google source verification
arjan singh

नई दिल्ली: 1965 के भारत-पाकिस्तान जंग के हीरो रहे पूर्व वायुसेना प्रमुख अर्जन सिंह का शनिवार रात निधन हो गया। शनिवार सुबह दिल का दौरा पडऩे के बाद उन्हें आर्मी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह सबसे युवा वायुसेना प्रमुख रहे थे। इससे पहले 98 वर्षीय अर्जन सिंह को देखने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी अस्पताल भी गए थे। अर्जन सिंह भारतीय वायुसेना के इकलौते अधिकारी हैं, जिन्हें 5 स्टार रैंक दी गई थी। 1965 में जब पाक टैंकों ने अखनूर पर धावा बोला तो एयर चीफ अर्जन सिंह ने रक्षा मंत्रालय से हमले के लिए सिर्फ एक घंटे का समय मांगा और वादे के मुताबिक उन्होंने पाक पर हमला कर जंग का रुख बदल दिया।


रक्षा मंत्रालय के मुताबिक एयरफोर्स मार्शल अर्जन सिंह गंभीर रूप से बीमार थे। आज सुबह दिल का दौरा पड़ने पर उन्हें आर्मी हॉस्पिटल R&R में भर्ती कराया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री निर्माला सीतारमण ने हॉस्पिटल पहुंचकर उनका हाल चाल लिया था।


अर्जन सिंह भारतीय वायु सेना के अकेले ऐसे अधिकारी हैं, जिन्हें साल 2002 में फील्ड मार्शल के बराबर फाइव स्टार रैंक देकर प्रमोशन दिया गया था। बता दें कि 1 अगस्त 1964 से 15 जुलाई 1969 तक वह वायुसेनाध्यक्ष भी रहे थे। साल 1965 में उन्हें देश के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।


1965 के युद्ध में वायु सेना में अपने योगदान के लिए उन्हें वायु सेनाध्यक्ष के पद से पद्दोन्नत फील्ड मार्शल बनाया गया था। वे भारतीय वायु सेना के पहले एयर चीफ मार्शल थे। उन्होंने 1969 में 50 साल की उम्र में वायुसेना से रिटायरमेंट लिया। रिटायरमेंट के बाद उन्हें 1971 में स्विट्जरलैंड में भारतीय राजदूत नियुक्त किया गया था। उन्होंने वेटिकन के राजदूत के रूप में भी सेवा की।