नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेटरोलॉजी की एयर क्वॉलिटी मॉनिटरिंग यूनिट ने संभावना जताई है कि जल्द हालात बदलने वाले हैं। इसकी हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, ‘पिछले दो दिनों से तेज हवा चल रही थी, जिसकी रफ्तार अब घट रही है।
बुधवार को एयर क्वॉलिटी बिगड़कर मॉडरेट क्वॉलिटी के मध्य में आ सकती है।’ साथ ही उत्तर भारत में हवा में नमी कम होने से भी दिल्ली की एयर क्वॉलिटी बिगड़ सकती है।
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हवा की रफ्तार हो रही धीमी
मौसम विभाग के मुताबिक, ‘हवा की रफ्तार कम रहने से प्रदूषण का स्तर बढ़ता है तो हवा की स्थिति बिगड़ सकती हैं। दिल्ली में एयर क्वॉलिटी लंबे समय तक खराब रह सकती है। वहीं उत्तर भारत के कई हिस्सों में खेतों में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ सकती हैं। किसानों द्वारा पराली जलाने की घटनाएं बढ़ रही हैं। जिससे जहरीला धुआं फैलने की आशंका है।
इधर राज्य सरकारों की ओर से किसानों को खेतों में पराली जलाने से रोकने के लिए जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है। लेकिन अगली फसल के लिए खेत तैयार करने में दो हफ्ते से भी कम समय बचने से कुछ किसानों ने पहले ही पराली जलाना शुरू कर दिया है। ऐसे में प्रदूषण बढ़ने की आशंका बढ़ गई हैं।
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‘दिल्ली की हवा पर पराली जलाने का असर नहीं’
वहीं पिछले साल चंडीगढ़ में कुछ अधिकारियों ने बताया था कि दिल्ली में प्रदूषित हवा के लिए उत्तर भारत के किसानों को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए। अधिकारियों की मानें तो दिल्ली की एयर क्वॉलिटी उसके अपने धुएं की वजह से खराब है। उनका कहना था कि उत्तर भारत के कई इलाकों में पराली जलाए जाने के बावजूद वहां की एयर क्वॉलिटी दिल्ली से अच्छी रही थी।