आपको बता दें कि दिल्ली स्थित नेशनल हेराल्ड हाउस को खाली कराने से जुड़ी याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया था। जस्टिस सुनील गौर की पीठ ने अपने फैसले में दो सप्ताह का समय देते हुए नेशनल हेराल्ड हाउस को खाली करने के लिए कहा है। दिल्ली हाईकोर्ट सिंगल बेंच ने अपने 17 पेज के आदेश में तल्ख टिप्पणी की। हाई कोर्ट ने कहा था कि यंग इंडिया ने एजेएल को हाईजैक कर लिया था। एजेएल ने अपनी याचिका में कहा था कि इमारत खाली करने का सरकार का आदेश विवादास्पद उदेश्य, बदनीयत और पूर्वाग्रह से ग्रस्त था। इससे जवाहरलाल नेहरू की विरासत को बदनाम करने की कोशिश की गई है। इस पर न्यायमूर्ति सुनील गौर ने कहा कि यह कोई समझ नहीं पा रहा है कि कैसे पंडित नेहरू की विरासत को नष्ट या बदनाम किया गया है? बदनीयत का आरोप अपमानजनक है और इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देनी की कोई जरूरत नहीं है।