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1992 में अकाली दल-भाजपा ने किया था पहली बार गठबंधन, 27 वर्ष बाद यूं पड़ी दोनों में दरार

भाजपा के सबसे पुराने सहयोगियों में एक शिरोमणि अकाली दल ने कृषि बिलों के विरोध में आखिरकार भाजपानीत एनडीए गठबंधन से नाता तोड़ लिया है।

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Sunil Sharma

Sep 27, 2020

Akali dal seperates BJP on agriculture bill

भाजपा के सबसे पुराने सहयोगियों में एक शिरोमणि अकाली दल ने कृषि बिलों के विरोध में आखिरकार भाजपानीत एनडीए गठबंधन से नाता तोड़ लिया है। पार्टी की कोर कमेटी की चार घंटे चली बैठक में यह निर्णय लिया गया। पार्टी के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने सर्व सम्मति से गठबंधन से बाहर आने की घोषणा की।

उन्होंने कहा कि एमएसपी को कानूनी आधार प्रदान करने से मना करने और सिख समुदाय की लगातार उपेक्षा के कारण एनडीए छोड़ने का निर्णय करना पड़ा। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में पंजाबी को आधिकारिक भाषा बनाने से इनकार करना भी इसी उपेक्षा का उदाहरण है।

हाल ही हरसिमरत कौर ने दिया था इस्तीफा
उल्लेखनीय है कि भाजपा सरकार द्वारा हाल ही पारित किए गए कृषि विधेयकों के विरोध में अकाली दल से आने वाली एकमात्र मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने खाद्य एवं प्रसंस्करण मंत्रालय से हाल ही में इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद अकाली दल कृषि बिलों के विरोध में सड़क पर उतर गया। शिव सेना के बाद यह दूसरी बार है जब भाजपा ने अपने सबसे पुराने और अच्छे सहयोगियों से से एक को खो दिया है।

27 वर्षों से भी अधिक समय से साथ थे दोनों दल
वर्ष 1992 में पंजाब में हुए विधानसभा चुनावों के लिए दोनों दलों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था परन्तु सरकार बनाने के लिए एक साथ हाथ मिला लिया। इसके बाद भाजपा और अकाली दल 1996 में मोगा डेक्लरेशन समझौते पर हस्ताक्षर कर एक साथ हो गए और 1997 का चुनाव एक साथ लड़ा। दोनों पार्टियों के गठबंधन ने 2007 से 2017 तक पंजाब में सरकार भी बनाई। इन 27 वर्षों में कई बार उतार-चढ़ाव आए लेकिन गठबंधन बना रहा। अंतत: 2020 में कृषि बिलों को लेकर दोनों का नाता टूट गया।


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