
नई दिल्ली। केंद्र और पश्चिम बंगाल की ममता सरकार के बीच जारी तनातनी थम गया है। बुधवार को पश्चिम बंगाल सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के सामने समझौतावादी रुख का संकेत दिया। इस बाबत ममता सरकार ने केंद्र को एक पत्र के जरिए बताया है कि कोरोना वायरस व आपदा प्रबंधन के लिए कोलकाता पहुंची टीम के साथ हमारी सरकार हर स्तर पर सहयोग करने के लिए तैयार है।
गृह मंत्रालय को जारी पत्र में बंगाल सरकार ने केंद्र के इस आरोप को पूरी तरह से गलत बताया कि ममता सरकार केंद्रीय टीम के साथ सहयोग नहीं कर रही है। केंद्रीय गृह मंत्रालय को लिखे पत्र में पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा ने कहा है कि केंद्रीय टीम के साथ सहयोग न करने की बात गलत है।
पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव ने केंद्र को यह आश्वासन दिया कि दो अंतर-मंत्रालयीय केंद्रीय टीमों (IMCT) ने राज्य के विभिन्न हिस्सों का दौरा किया है। इस दौरान उनके साथ हर स्तर पर सहयोग जारी है।
केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला को संबोधित पत्र में पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा ने कहा कि केंद्र के आदेश और आपदा प्रबंधन अधिनियम के प्रावधानों पर अमल और सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का पालन करना हमारी जिम्मेदारी है।
हालांकि गृह मंत्रालय को जारी पत्र में इस बात का भी जिक्र किया है कि IMCT की दो टीम कोलकाता बिना किसी पूर्व सूचना के पहुंची थी। इसलिए, 19 अप्रैल 2020 के आदेश में परिकल्पित समर्थन प्रदान करने का न तो ऐसा कोई अवसर था और न ही टीम ने कोई मदद मांगी।
इस बारे में ममता बनर्जी ने कहा कि उन्हें दोपहर में केवल फोन पर सूचना दी गई थी। एमएचए द्वारा आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत दो टीमों को कोलकाता, हावड़ा, उत्तर 24 परगना, पूर्वी मेदिनीपुर, जलपाईगुड़ी, दार्जिलिंग और कलिम्पोंग जाने के लिए भेजा गया था।
दूसरी तरफ केंद्र ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल सरकार को राज्य का दौरा करने वाली दो केंद्रीय टीमों के काम में बाधा नहीं डालने का निर्देश दिया। एमएचए ने यह भी कहा था कि ममता सरकार केंद्रीय टीमों के साथ सहयोग नहीं कर रही थी।
बता दें कि बंगाल में कोरोना वायरस की स्थिति और विभिन्न जिलों में तालाबंदी को लागू करने को लेकर ममता बनर्जी सरकार और केंद्र के बीच वाकयुद्ध जारी है। ममता बनर्जी ने सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर पूछा था कि बंगाल में दो केंद्रीय टीमों के उतरने से पहले उन्हें सूचित क्यों नहीं किया गया था और उन्होंने मैदान पर निरीक्षण करना शुरू किया। इससे पहले पश्चिम बंगाल के राज्यपाल और सीएम के बीच भी तनातनी की खबरें आईं थी। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने प्रदेश सरकार पर नियमानुसार काम न करने का आरोप लगाया था।
Updated on:
22 Apr 2020 11:46 am
Published on:
22 Apr 2020 11:44 am
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