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अमृतसर रेल हादसा: लुधियाना में भी रेलवे ट्रैक के पास होता है रावण दहन, उमड़ती है 10 हजार लोगों की भीड़

जब रावण के पुतले को लोग जलाने जा रह थे, तभी ट्रैक पर से ट्रेन गुजर रही थी।

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अमृतसर रेल हादसा: लुधियाना में भी रेलवे ट्रैक के पास होता है रावण दहन, उमड़ती है 10 हजार लोगों की भीड़

नई दिल्ली। अमृतसर रेल हादसे ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। दशहरे के दिन रावन दहन के दौरान जोड़ा फाटक के पास हुए ट्रेन हादसे ने महज चंद मिनट में 61 लोग काल के गाल में समा गए। वहीं, 72 से ज्यादा लोग अस्पताल में भर्ती है। बता दें कि हर साल अमृतसर के जोरा फाटक पर यही नजारा रहता है। लोग रावण दहन देखते-देखते रेल की पटरियों पर चढ़ आते हैं, यह नजारा सिर्फ अमृतसर के जोड़ा फाटका पर ही नहीं दिखता। राज्य के कई ऐसे इलाके हैं जहां ठीक ऐसा ही हाल हर साल रहता है।

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लुधियाना के धूरी रेलवे लाइन के पास हर साल जलाया जाता है रावण

आपको जानकर हैरानी होगी की लुधियाना के धूरी रेलवे लाइन पर हर साल दशहरा मनाया जाता है। रेलवे लाइन के पास रावण दहन को देखने हजारों लोग पहुंचते हैं। यहां भी कई बार ऐसा हादसा होते-होते बचा है, लेकिन तब भी प्रशासन ने इससे सबक नहीं लिया गया। हर साल इसी रेलवे लाइन के पास रावण को जलाया जाता और 10 हजार से भी बड़ी संख्या में यहां जुटते हैं। बता दें कि शुक्रवार को जब रावण के पुतले को लोग जलाने जा रह थे, उसी दौरान ट्रैक पर से ट्रेन गुजर रही थी। अच्छी बात यह रही कि रावन दहन से पहले ही ट्रेन निकल गई नहीं तो यहां भी अमृतसर के जोड़ा फाटक जैसा दर्दनाक हादसा देखने को मिलता। इसी तरह राज्य के अन्य जिलों में भी लोगों की जान से खेलकर ऐसे ही कई पर्व मनाए जाते हैं।

इन जगहों पर कुछ ऐसे ही जलता है रावण

लुधियाना के अलावा संगरूर में भी शुक्रवार ऐसा ही कुछ हुआ। वहां भी रेलवे लाइन से 50 मीटर की दूरी पर रावण का पुतला जलाया गया। यहां भी सैकड़ों की संख्या में लोग रावन दहन के लिए जूटे थे। वहीं, मानसा शहर में भी दशहरे पर रावण दहन रेलवे ट्रैक के किनारे सालों से होता आ रहा है। इसके अलावा मोगा नगर निगम के स्टेडियम में रावण दहन होता है, जो रेलवे लाइन के बगल में है। यहां भी जब दहन के दौरा भीड़ बढ़ती है तो लोग रेलवे ट्रैक पर चढ़ आते हैं, जो बड़े हादसे को बुलावा देते हैं। इनके अलावा राज्य में कई ऐेसे जगह है जहां हर साल ऐसा ही नजारा होता है। लेकिन तब भी प्रशासन इन मामले में गंभीर नहीं है।

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कैसे हुआ अमृतसर ट्रेन हादसा

पूरे देश में कल दशहरे की घूम थी। देश के कोने-कोने में लोग दशहरे का त्योहार मना रहे थे। दशहरे वाले दिन रावण को जलाते हैं, ऐसा कहा जाता है कि इसके पीछे की वजह बुराई पर अच्छाई की जीत है। ऐसा ही कुछ शुक्रवार शाम अमृतसर के जोड़ा फाटक के पास हो रहा था। लोग दशहरे के दिन बुराई के प्रतिक रावण को जलता देख रहे थे। पास में ही रेलवे ट्रैक था, रावण को जलता देश लोग ट्रैक पर भी चढ़े जा रहे थे। सब की नजर रावण को जलता देखने के लिए सामने की तरफ टिकी हुई थी, तबी अचानक एक ट्रेन वहां से गुजरी और अपने साथ कई जाने ले गई। इसके बाद वहां जो नजारा था उसे देख लोगों के होश उड़ गए। महज चंद मिनट में 61 लोगों की जाने चली गई और 72 से ज्यादा घायल हैं। इस भयावह हादसे को देखते हुए पंजाब में एक दिन के राजकीय शोक का ऐलान किया गया है।