
अमृतसर रेल हादसे में नया खुलासा, नहीं होता इतना बड़ा हादसा अगर इस शख्स ने किया होता केवल यह काम
नई दिल्ली। दहशहरे के दिन देशभर को हिला देने वाले हादसे में एक नया मोड़ सामने आया है। हादसे की सीबीआई जांच या एसआईटी की मांग पर दायर पीआईएल को पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने राजनीतिक हित याचिका करार देते हुए खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि पीआईएल राजनीतिक हित वाली याचिका की तरह है लेकिन सरकार या चीफ गेस्ट कैसे जिम्मेदार हो सकते हैं जब लोग खुद ट्रैक पर खड़े हुए थे। इसी के साथ हाई कोर्ट ने कार्यक्रम की चीफ गेस्ट नवजोत कौर सिद्धू को एक तरह से क्लीन चिट दे दी है।
आपको बता दें कि दशहरे के मौके पर अमृतसर के जोड़ा फाटक के नजदीक रावण दहन के दौरान ट्रेन से कुचलने के कारण ६२ लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद मामले की सीबीआई जांच के लिए पीआईएल दायर की गई थी। हाई कोर्ट ने पीआईएल को खारिज करते हुए कहा, 'यह जनहित याचिका कम, राजनीतिक हित वाली याचिका ज्यादा लग रही है क्योंकि कार्यक्रम में चीफ गेस्ट और सरकार इसके लिए कैसे दोषी हो सकते हैं जब लोग खुद रेलवे ट्रैक पर खड़े थे जो कि गलत था।'
दरअसल घटना के बाद से कार्यक्रम का आयोजक सौरभ मदान मीठू भी फरार हो गया था। हालांकि कुछ दिन बाद मीठू ने सामने आकर बयान दिया कि वह कहीं नहीं भागा था बस वो बहुत डर गया था। आयोजक ने वीडियो जारी कर सफाई दी थी कि उन्होंने आयोजन के लिए सभी तरह की अनुमति ली थी। साथ ही दावा किया कि वह आयोजन के दौरान लगातार लोगों से ट्रैक से दूर खड़ने रहने की अपील करता रहा था।
Updated on:
29 Oct 2018 03:08 pm
Published on:
29 Oct 2018 02:18 pm
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