आपको बता दें कि दशहरे के मौके पर अमृतसर के जोड़ा फाटक के नजदीक रावण दहन के दौरान ट्रेन से कुचलने के कारण ६२ लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद मामले की सीबीआई जांच के लिए पीआईएल दायर की गई थी। हाई कोर्ट ने पीआईएल को खारिज करते हुए कहा, ‘यह जनहित याचिका कम, राजनीतिक हित वाली याचिका ज्यादा लग रही है क्योंकि कार्यक्रम में चीफ गेस्ट और सरकार इसके लिए कैसे दोषी हो सकते हैं जब लोग खुद रेलवे ट्रैक पर खड़े थे जो कि गलत था।’
दरअसल घटना के बाद से कार्यक्रम का आयोजक सौरभ मदान मीठू भी फरार हो गया था। हालांकि कुछ दिन बाद मीठू ने सामने आकर बयान दिया कि वह कहीं नहीं भागा था बस वो बहुत डर गया था। आयोजक ने वीडियो जारी कर सफाई दी थी कि उन्होंने आयोजन के लिए सभी तरह की अनुमति ली थी। साथ ही दावा किया कि वह आयोजन के दौरान लगातार लोगों से ट्रैक से दूर खड़ने रहने की अपील करता रहा था।