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अमृतसर रेल हादसा: जब भी दशहरा ‘शुक्रवार’ को पड़ा, तब-तब लोगों की गई जान

अमृतसर ट्रेन हादसे में 61 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 70 से ज्यादा घायल हैं।

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अमृतसर ट्रेन हादसा: जब भी दशहरा 'शुक्रवार' को पड़ा, तब-तब लोगों की गई जान

नई दिल्ली। अमृतसर में दशहरे के दिन रावण दहन के दौरान हुए ट्रेन हादसे ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। इतनी बड़ी तादाद में लोगों का एक साथ ट्रेन से कट कर मरना परेशान कर देने वाला है। अब तक इस हादसे में 61 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 70 से ज्यादा घायल हैं। लेकिन हादसे के बाद ऐसे-ऐसे चौंकान देने वाली बातें सामने आ रही हैं, जिसे चाह कर भी अनदेखा नहीं किया जा सकता। बता दें कि दशहरे के दिन यह पहली ऐसी घटना नहीं है, जिसमें इतने लोगों ने एक साथ अपनी जान गवाई हो। इससे पहले 2014 में पटना में भी दशहरे वाले दिन 33 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ गया था। लेकिन अब तक हुए इन हादसों में एक बात बहुत की मेल खाती है और वह है शुक्रवार का दिन। जानकर हैरानी होगी की 2010 के बाद से जब भी शुक्रवार को दशहरा पड़ा तब-तब ऐसी घटना सामने आई है।

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अमृतसर हादसे का शुक्रवार 'कनेक्शन'

अगर आप कुछ सालों के दशहरे की तिथि पर गौर करें तो शुक्रवार का दिन दशहरा के लिए शुभ नहीं रहा है। अमृतसर हादसे वाले दिन भी शुक्रवार को दशहरा पड़ा था। यानी पंजाब के अमृतसर रेल हादसे का फ्राइडे कनेक्शन है। इन दोनों दुर्घटनाओं को जोड़ कर देखा जाए तो ऐसा लगता है कि दशहरे का शुक्रवार को होना शुभ नहीं है। बता दें कि अमृतसर में जिस दिन यह ट्रेन हादसा हुआ, वह शुक्रवार का दिन ही था। वहीं, पटना में साल 2014 में जो हादसा हुआ था, वह दिन भी शुक्रवार ही था। इन दोनों घटनाओं के दिन पर ध्यान दें तो तो ऐसा लगता है कि दशहरे का शुक्रवार के दिन होना बड़े हादसे के संकेत ही है। पिछले 8 सालों के दशहरे के दिन पर गौर करें तो इन आठ सालों में कुल दो बार ही दशहरा 'शुक्रवार' को हुआ है और दोनों बार 'शुक्रवार' को बड़े हादसे भी हुए। इन हादसों में कई लोगों ने अपनी जान गवाई है।

दशहरे के दिन पटना हादसा

तीन अक्टूबर 2014 को दशहरे के दिन मची भगदड़ ने 33 लोगों की जिंदगियां ले ली थी। दशहरे के दिन पटना की एक बड़ी आबादी गांधी मैदान में रावण दहन देखने पहुंची हुई थी, तभी वहां अचानक एक अफवाह-अफवाह फैलने से भगदड़ मच गई थी। वहां मौजूद लोगों के मुताबिक इस घटना की शुरुआत गांधी मैदान के दक्षिणी गेट के पास से शुरू हुई। व़हां पर केबल का एक तार गिरा हुआ था। उस तार में एक महिला का पैर फंसा हुआ था और वह नीचे गिरी पड़ी थी। महिला को तारों के बीच उल्झा देख वहां मौजूद लोगों को लगा कि उन्‍हें तार से करंट लग गया है, इसलिए ही वह वहां गिरी पड़ी है। इसके बाद वहां यह अफवाह फैल गई कि महिला को करंट लगा है। तार में करंट आने की बात किसी ने पूरे मेले में फैला दी। इस अफवाह के फैलने के बाद वहां देखते ही देखते भगदड़ मच गई और इस भगदड़ में 33 लोगों की जान चली गई और हजारों लोग घायल हो गए।

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कैसे हुआ अमृतसर ट्रेन हादसा

आपको बता दें कि अमृतसर के जोड़ा फाटक के पास शुक्रवार शाम रावण दहन देखने के लिए बड़ी संख्या में भीड़ उमड़ी थी। लोग रेल की पटरियों पर खड़े होकर रावण दहन देख रहे थे, तभी अचानक तेज रफ्तार में ट्रेन आई और सैकड़ों लोगों की जिंदगियां लेकर चली गई। बता दें कि अब तक रेल पटरियों पर खड़े लोगों के ट्रेन की चपेट में आने से लगभग 61 लोगों की मौत हो गई जबकि 72 अन्य घायल हो गए। हादसे वाली ट्रेन जालंधर से अमृतसर आ रही थी तभी जोड़ा फाटक पर यह हादसा हुआ. इस भयावह हादसे को देखते हुए पंजाब में एक दिन के राजकीय शोक का ऐलान किया गया है।