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Andhra Pradesh : जिस कंपनी में हुआ ये हादसा जानिए उससे जुड़ी 10 प्रमुख बातें, जिसे जानना सबके लिए है जरूरी

गैस लीक की वजह से अभी तक 10 लोगों की हो चुकी है मौत 1997 में इस कंपनी को दक्षिण कोरिया की कंपनी ने कर लिया था अधिग्रहण लॉकडाउन की वजह से कंपनी बीते 40 दिनों से बंद पड़ी थी

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एलजी पॉलिमर्स कंपनी

नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश ( Andhra Pradesh ) के विशाखापट्टनम ( Visakhapatnam ) स्थित एलजी पॉलिमर्स कंपनी ( LG Polymers Company ) में स्टाइरीन गैस रिसाव ( Styrene Gas Leak ) से 10 लोगों को मौत हो चुकी है और हजारों लोग इससे बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। जहरीली गैस लीक की इस घटना को भोपाल गैस कांड के बाद दूसरी सबसे बड़ी दुर्घटना माना जा रहा है। इसके अलावा सभी के लिए यह जानना जरूरी है कि कंपनी का इतिहास क्या है। जानिए कंपनी से जुड़ी 10 प्रमुख बातें '

एलजी पॉलिमर्स कंपनी से जुड़ी 10 प्रमुख बातें

1. 1961 में सबसे पहले इस कंपनी की स्थापना हिंदुस्तान पॉलिमर्स के रूप में हुई थी। यह पॉलिस्टीरीन और इसके को-पॉलिमर्स का निर्माण करती थी।

2. 1978 में इसका यूबी ग्रुप के एमसी डॉवेल ऐंड कंपनी लिमिटेड में विलय हो गया।

3. 1997 में साउथ कोरिया की कंपनी एलजी केमिकल्स का कंपनी पर अधिकार हो गया और इसका नाम बदलकर एलजी पॉलिमर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (LGPI) कर दिया गया।

4. साउथ कोरिया में स्टीरेनिक्स कारोबार में एलजी केमिकल्स की काफी मजबूत मौजूदगी है।

5. कंपनी फिलहाल भारत में Polystyrene और एक्सपैंडेबल Polystyrene के अग्रणी निर्माताओं में से एक है। इसका उपयोग टॉयज आदि बनाने में किया जाता है।

6. दक्षिण कोरिया की बैटरी बनाने वाली कंपनी एलजी केमिकल्स लिमिटेड के विशाखापट्टनम स्थित मालिकाना हक वाले एलजी पॉलिमर्स प्लांट में पॉलिस्टीरीन से जुड़े उत्पादों का निर्माण किया जाता है।

7. कंपनी कॉस्मेटिक उत्पादों के अलावा इलेक्ट्रिक फैन ब्लेड्स, कप्स, कटलरी और कंटेनर्स के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले उत्पादों का निर्माण करती है।

8. प्लांट में उत्पादों के निर्माण में कच्चे माल के तौर पर स्टीरीन का इस्तेमाल किया जाता है। स्टीरीन एक ज्वलनशील पदार्थ है और जब इसे जलाया जाता है तो एक जहरीली गैस निकलती है।

9. लॉकडाउन की वजह से कंपनी बीते 40 दिनों से बंद थी। गुरुवार को प्लांट को खोलने की तैयारी चल रही थी।

10. इस बीच गुरुवार सुबह 3 बजे के आसपास प्लांट से स्टीरीन नाम की गैस का रिसाव शुरू हो गया और भोपाल गैस कांड के बाद यह दूसरा बड़ा हादसा हो गया।

बता दें कि स्टीरीन हवा के साथ मिलकर जहरीली कार्बन मोनो ऑक्साइड गैस बनाती है। इसकी चपेट में आने के बाद फेफड़े, दिमाग और स्पाइन पर बुरा असर पड़ता है। सांस लेने में तकलीफ होती है और जान जाने की संभावना भी होती है। बता दें कि एलजी पॉलिमर्स कंपनी के प्लांट में एक गैस चैम्बर और उसी के ठीक पास न्यूट्रिलाइजर चैम्बर है।

जब 5 हजार टन की कैपेसिटी वाले टैंक से गैस लीक हुई तो न्यूट्रिलाइजर चैम्बर के जरिए उसे कंट्रोल करने की कोशिश की गई लेकिन तब तक हालात बेकाबू हो चुके थे। आंध्र प्रदेश के उद्योग मंत्री गौतम रेड्‌डी ने बताया कि मजदूर गैस स्टोरेज टैंक चेक कर रहे थे, तभी यह हादसा हुआ।

स्टीरीन हवा के साथ मिलकर जहरीली कार्बन मोनो ऑक्साइड गैस बनाती है। इसकी चपेट में आने के बाद फेफड़े, दिमाग और स्पाइन पर बुरा असर पड़ता है। सांस लेने में तकलीफ होती है और जान जाने की संभावना भी होती है।


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