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पाक के दावे पर बोले सेना प्रमुख बिपिन रावत, कैसे मान लें बंद हो गए POK में मौजूद आतंकी कैंप

locationनई दिल्लीPublished: Jun 10, 2019 06:59:46 pm

POK में टैरर कैंप बंद किए जाने पर सेना प्रमुख ने दी प्रतिक्रिया
इस बात की पुष्टि कैसे होगी कि बंद हो गए सभी कैंप
बिपिन रावतः भारत अपनी सीमा की सुरक्षा के लिए जारी रखेगा गश्त

बिपिन रावत

पाक के दावे पर बोले सेना प्रमुख बिपिन रावत, कैसे मान लें बंद हो गए POK में मौजूद आतंकी कैंप

नई दिल्ली। पाकिस्तान की ओर से अंतरराष्ट्रीय दबाव और एयर स्ट्राइक के बाद PoK में बंद किए गए आतंकी कैंपों के दावे पर भारतीयन सेना प्रमुख बिपिन रावत ने बड़ी प्रतिक्रिया दी है। सेना प्रमुख रावत ने कहा है कि हम कैसे मान लें कि POK में पाकिस्तान ने आंतकी कैंपों को बंद कर लिया है। इस बात का क्या सबूत है कि अब वहां कोई भी कैंप मौजूद नहीं।

दरअसल सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने उन रिपोर्ट्स पर प्रतिक्रिया दी है जिसमें कहा गया था कि पाकिस्‍तान ने बालाकोट जैसी एक और एयरस्‍ट्राइक के डर से पीओके में चल रहे आतंकी कैंप्‍स को बंद कर दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक पाक ने यह कदम तब उठाया है जब भारत की ओर से एक डॉजियर के जरिए लगातार अंतरराष्‍ट्रीय मंचों के माध्‍यम से पाक पर दबाव बनाया जा रहा है।
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दावे सही या गलत सबूत नहीं
जनरल रावत के मुताबिक पाकिस्तान के इस दावे का कोई सबूत नहीं है कि पाक अधिकृत कश्मीर (POK) में आतंकी कैंप बंद कर दिए गए हैं। इसकी पुष्टि किस आधार पर होगी। उन्होंने कहा है कि पाक इस दावे के उलट भारत अब भी अपनी ओर से अलर्ट है। बॉर्डर और एलओसी को सुरक्षित करने के लिए लगातार चौकसी बरती जा रही है।

जारी रहेगी गश्त
सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कहा कि आगे भी भारत की ओऱ से इन इलाकों में गश्त जारी रहेगी। आपको बता दें कि 26 फरवरी को भारतीय वायु सेना की ओर से पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में स्थित बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के अड्डों को निशाना बनाने के मकसद से हवाई हमले किए गए थे। इस दौरान मीडिया में आ रही खबरों में ये साफ किया गया था कि पीओके में 11 टेरर कैंप संचालित किे जा रहे थे। इनमें से पांच-पांच कैंप मुजफ्फराबाद और कोटली में थे। जबकि एक कैंप बरनाला में था।

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राजौरी और सुंदरबनी के सामने थे कैंप
पीओके में जिन 11 कैंपों के बारे में मीडिया में खबरें आ रही थी कि इनमें से कुछ लश्कर-ए-तैयबा के थे। जो भारतीय सीमा में ठीक राजौरी और सुंदरबनी के सामने थे। यहीं ही आतंकी अपने मंसूबों को अंजाम देते थे। लश्क के अलावा जैश के कैंप भी पीओके में थे, जिनके तबाह होने की बात सामने आई थी।

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