
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में शुक्रवार को सेना दिवस समारोह का आयोजन किया गया। इस दौरान भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुंकुंद नरवने ( Indian Army Chief General MM Naravane ) ने कहा कि करीब 300 से 400 पाकिस्तानी आतंकवादी नियंत्रण रेखा के पार लॉन्चपैड में भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ का इंतजार कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि अग्रिम चौकी पर तैनात सेना के जवान उनकी गतिविधि पर नजर बनाए हुए हैं। सेना प्रमुख ने यह भी कहा कि नियंत्रण रेखा पर तैनात जवान पाकिस्तान के संघर्ष विराम उल्लंघन का करारा जवाब दे रहे हैं।
दिल्ली में सेना दिवस समारोह के दौरान बोलते हुए, जनरल नरवने ने कहा कि एलओसी पर पाकिस्तान द्वारा संघर्ष विराम उल्लंघन में लगभग 44 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। गत वर्ष 28 दिसंबर तक, पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम उल्लंघन की 4,700 घटनाओं को अंजाम दिया, जो पिछले 17 वर्षों में सबसे अधिक है। 2019 में, युद्धविराम उल्लंघन की 3168 घटनाएं हुईं। दिलचस्प बात यह है कि 3,168 संघर्ष विराम उल्लंघनों में से 1,551 अगस्त के बाद हुए हैं। सुरक्षा प्रतिष्ठान ने यह पाया है कि पिछले साल अगस्त में सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद से संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है।
2018 में, पाकिस्तान ने संघर्ष विराम उल्लंघन की 1629 घटनाओं को अंजाम दिया। सैन्य प्रमुख ने कहा कि देश में हथियारों और गोला-बारूद की तस्करी के लिए पाकिस्तान ड्रोन और सुरंगों का इस्तेमाल कर रहा है। एलओसी पर, हमारे बल पाकिस्तान की गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं। घुसपैठ रोधी ग्रिड को मजबूत किया गया है, जिससे पाकिस्तान के लिए आतंकवादियों को भारतीय क्षेत्र में धकेलना लगभग असंभव हो गया है।" उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवाद रोधी ग्रिड के मजबूत होने से जम्मू और कश्मीर घाटी में आतंकी गतिविधियों में कमी आई है। सेना प्रमुख ने कहा कि पिछले साल आतंकवाद-रोधी अभियानों में लगभग 200 आतंकवादी मारे गए।
पूर्वोत्तर राज्यों की स्थिति के बारे में बात करते हुए जनरल नरवने ने कहा कि पिछले एक साल में लगभग 600 उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया और भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किए गए।
Updated on:
15 Jan 2021 04:28 pm
Published on:
15 Jan 2021 04:16 pm
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