
नई दिल्ली। सेना ने भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पंजाब सेक्टर में एंटी ड्रोन सिस्टम तैनात करने का निर्णय लिया है। सेना ने यह कदम ड्रोन के जरिए सीमावर्ती क्षेत्रों में आतंकियों को हथियार व खुफिया इनपुट मुहैया कराने की घटना के बाद लिया है। इसके पीछे सेना का मकसद पंजाब सहित जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान के नापाक हरकत पर लगाम लगाना है।
यह सिस्टम इलेक्ट्रो मैगनेटिक पल्स (इएमपी) और फ्रीक्वेंसी तकनीक का इस्तेमाल कर हथियार लेकर सीमा में घुसने की कोशिश कर रहे ड्रोन के हवा में ही परखच्चे उड़ा देगा।
ड्रोन के सिग्नल को कर देगा जाम
सीमा सुरक्षा बल ( बीएसएफ ) ने 14 अक्तूबर को पंजाब के फिरोजपुर में हजारा सिंह वाला में पाकिस्तान का ड्रोन देखा था। एंटी ड्रोन सिस्टम के जरिए 3 किलोमीटर की रेंज में आने वाले हर ड्रोन के सिग्नल को जाम कर उसे नष्ट किया जा सकता है। साथ ही इसके जरिए इसके हैंडलर की फ्रीक्वेंसी का भी पता लगाया जा सकता है। नेशनल सिक्टोरिटी गार्ड ने अपने एक बैठक में बताया कि नेशनल टेक्नीकल रिसर्च ऑर्गनाईजेशन (एनटीआरओ) पाकिस्तान के ड्रोन इस्तेमाल करने वाले बेस सेंटर से फ्रीक्वेंसी का पता लगाने में मदद करेगा।
ड्रोन के पीछे आईएसआई का हाथ
बता दें कि खुफिया एजेंसियों ने पिछले हफ्ते पंजाब में पाकिस्तानी ड्रोन से हथियार गिराने की घटना संबंधी रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेजी थी। उसमें साफ तौर पर कहा गया था कि ड्रोन की घटना के पीछे पाक के स्टेट एक्टर यानी सेना और आईएसआई का हाथ है।
खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट में सवाल उठाए गए थे कि ड्रोन को वायुसेना और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) क्यों नहीं पकड़ पाया। खुफिया रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान ड्रोन के जरिए पंजाब में हथियार और ड्रग्स भेजने का गंभीर प्रयोग कर रहा है।
पंजाब जम्मू में अलर्ट
सीमापार से जारी घुसपैठ के ताजा खुफिया इनपुट के बाद सेना ने पंजाब और जम्मू में अपनी सभी यूनिटों को हाई अलर्ट पर रखा है। वायुसेना ने पठानकोट और जम्मू एयरबेस के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। सेना को बुधवार सुबह खुफिया सूचना मिली कि सीमापार से कुछ आतंकी घुसपैठ की फिराक में हैं।
Updated on:
17 Oct 2019 05:22 pm
Published on:
17 Oct 2019 09:24 am
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