
फाइल पिक्चर
सीमा पर दुश्मनों से लड़ते हुए शहीद होना हर देशभक्त सैनिक की चाह होती है लेकिन उस हालत में क्या किया जाए जब देश के सिपाही खरीदे गए घटिया गोला-बारूद के कारण बिना वजह ही मौत के मुंह में जाने लगे। जी हां यह सच है। हाल ही एक बड़ा खुलासा हुआ है। इसके अनुसार पिछले छह वर्षों में ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड से खरीदे गए घटिया गोला-बारूद के कारण पिछले छह वर्षों में 403 हादसे हुए हैं, जिनमें 159 जवान घायल हो गए और 27 जवान शहीद हुए हैं।
27 जवान शहीद, 159 घायल, 960 करोड़ रुपए की घटिया आयुध सामग्री की नष्ट
यह खुलासा ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड (ओएफबी) से खरीदे गए गोला-बारूद व अन्य सामान पर किए गए सेना के एक आंतरिक आकलन में हुआ है। उल्लेखनीय है कि ओएफबी देश के सबसे पुराने सरकारी रक्षा उत्पादन बोर्डों में से एक है। रक्षा मंत्रालय को सौंपी गई इस रिपोर्ट में बताया गया है कि ओएफबी से खरीदी गई आयुध सामग्री घटिया क्वालिटी की थी। इसकी वजह से गत छह वर्षों में देश में 400 से अधिक हादसे हुए इनमें 27 जवान शहीद हुए, 159 घायल हो गए। यही नहीं 960 करोड़ रुपए की आयुध सामग्री अपनी तयशुदा समय सीमा से पहले ही खराब हो गई जिसका आर्थिक भार भी देश पर पड़ा। अप्रेल 2014 से अप्रेल 2019 के बीच 658.58 करोड़ रुपए की खराब हो चुकी आयुध सामग्री को नष्ट किया गया।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में बनाई गई थी मंत्रियों की समिति
यहां यह भी बताना उल्लेखनीय है कि हाल ही 11 सितंबर को केन्द्र सरकार ने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में मंत्रियों की एक कमेटी गठित की थी जिसे ओएफबी के कॉर्पोरेटाइजेशन की संभावनाएं तलाशने को कहा गया था। वर्तमान में ओएफबी के नियंत्रण में देश के विभिन्न स्थानों पर संचालित 41 आयध फैक्ट्रिया हैं जिनमें लगभग 80,000 कर्मचारी काम कर रहे हैं। ये ओएफबी के गैरसरकारीकरण के खिलाफ है। इन फैक्ट्रियों में टैंक, बख्तरबंद गाड़ियां, बम, रॉकेट, आर्टिलरी गन, एंटी एयरक्राफ्ट गन, पैराशूट, छोटे हथियार, सैनिकों के लिए कपड़े व अन्य दूसरे आवश्यक सैन्य साजोसामान का निर्माण किया जाता है।
सेना के आंतरिक सर्वे के अनुसार ओएफबी का कई सैन्य सामानों के निर्माण में एकाधिकार है, वहां पर नवाचार तथा तकनीक पर भी अधिक ध्यान नहीं दिया जा रहा है और न ही क्वालिटी सुधारने के लिए कर्मचारियों को किसी तरह का प्रोत्साहन या मोटिवेशन दिया जा रहा है। ऐसे में यह अपनी वास्तविक क्षमता से बेहद कम काम कर पा रहा है।
Updated on:
30 Sept 2020 07:14 am
Published on:
30 Sept 2020 07:06 am
बड़ी खबरें
View Allविविध भारत
ट्रेंडिंग
