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Army  के उत्तरी कमान ने बिहार रेजिमेंट के सम्मान में ट्वीट किया वीडियो, कहा- ‘बैट्स नहीं, वे बैटमैन’ हैं

1 मिनट 57 सेकेंड के इस वीडियो में 1857 से 1999 तक के Bihar Regiment के सभी हर्कुलियन मिशन के बारे में बताया गया है। बिहार रेजिमेंट ने पाकिस्तानी सेना से कारगिल के एक रणनीतिक क्षेत्र पर कब्जा कर लिया था। ‘बजरंग बली की जय’ बिहार रेजिमेंट का वॉर क्राई है।

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Bihar regiment

‘बजरंग बली की जय’ बिहार रेजिमेंट का वॉर क्राई है।

नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी ( Galwan Valley ) में असीम शौर्य परिचय देने वाली बिहार रेजिमेंट ( Bihar Regiment ) को सेना की उत्तरी कमान ( North Command ) ने खास अंदाज में सम्मान दिया है। सेना ने एक वीडियो ट्वीट किया है, जिसमें बिहार रेजिमेंट के जवानों के 21 साल पहले कारगिल युद्ध ( Kargil War ) में किए गए योगदान को सैल्यूट किया।

उत्तरी कमान ने द सागा ऑफ #DhruvaWarriors और द लॉइन्स ऑफ #BiharRegiment के हैशटैग के साथ पोस्ट इस वीडियो में बताया गया है कि वो बैट्स नहीं, वे बैटमैन हैं, वो इस धरती पर लड़ाई के लिए जन्मे हैं।

नॉर्दन कमांड ने ट्वीट किया कि हर सोमवार के बाद मंगलवार होगा, बजरंग बली की जय। ‘बजरंग बली की जय’ बिहार रेजिमेंट का वॉर क्राई है। ये उस वक्त के लिए है जब बिहार रेजिमेंट के जवान युद्ध के मैदान में जाते हैं।

1 मिनट 57 सेकेंड के इस वीडियो में 1857 से 1999 तक के रेजिमेंट के सभी हर्कुलियन मिशन के बारे में बताया गया है। ये उस किस्से को भी बयां करता है जब बिहार रेजिमेंट ने पाकिस्तानी सेना से कारगिल के एक रणनीतिक क्षेत्र पर कब्जा कर लिया था।

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बिहार रेजिमेंट के बारे में मेजर अखिल प्रताप कहते हैं कि 21 साल पहले बिहार रेजिमेंट ने कारगिल के घुसपैठियों की नाक में दम कर दी थीं वो ऊंचाई पर थे और तैयार थे। वो पूरी हिम्मत के साथ गए और मुकाबला करके लौटे।

कर्नल संतोष बाबू को श्रद्धांजलि

सेना के उत्तरी कमान ने इस दौरान कर्नल संतोष बाबू को भी श्रद्धांजलि दी जो गलवान हिंसक में शहीद हुए। कर्नल संतोष बाबू 16 बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफीसर थे और वो उन 20 बहादुर जवानों में शामिल थे, जिन्होंने 15 जून को गलवान में शहादत दी थी। इस हिंसक झड़प में बिहार रेजिमेंट के 12 सैनिक शहीद हुए।

बिहार रेजिमेंट स्वतंत्रता के बाद भारतीय सेना द्वारा लड़े गए सभी युद्धों का हिस्सा रही है। बिहार बटालियन ने जुलाई की 17 तारीख 1999 को पाकिस्तान सेना के एक रणनीतिक हिस्से पर कब्जा किया था। बिहार रेजिमेंट ने सोमालिया में भारत के संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों और डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में भी भाग लिया है।


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