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नई दिल्ली। देश में कुल 116 करोड़ मोबाइल यूजर हैं। इनमें 50 करोड़ से अधिक यूजर इंटरनेट का प्रयोग करते हैं। एसोचैम की 2019 की रिपोर्ट के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में 57.13 फीसदी लोगों के पास मोबाइल फोन नहीं है। इसमें से करीब एक चौथाई लोगों के पास स्मार्टफोन नहीं है। ऐसे में सवाल उठता है कि कोरोना संक्रमितों की ट्रेसिंग को लेकर पहले आरोग्य सेतु ऐप विकसित किया जो पूरी तरह से फेल साबित हुआ। अब देखना है कि सरकार द्वारा कोरोना वैक्सीनेशन की मॉनिटरिंग को लेकर विकसित कोविन ऐप कितना कारगर साबित होता है।
किसने विकसित किया
कोरोना वैक्सीन लगाने से जुड़े डाटा के लिए आइसीएमआर व स्वास्थ्य मंत्रालय ने विकसित किया है।
ऐप की जरूरत क्यों
- कोविन ऐप वैक्सीन जिसे लगनी है उसे पहले ही सूचित कर देगा।
- टीकाकरण के बाद प्रमाणपत्र जिसे डिजी-लॉकर में सेव करने का विकल्प देगा
- किसे टीका कब लगा, टीके का वितरण व भंडारण का विवरण देगा।
- इससे पारदर्शिता रहेगी, लोगों को भटकना नहीं होगा।
आरोग्य सेतु ऐप : किसने विकसित किया
नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर और आईटी मंत्रालय ने विकसित किया। इसे सरकार ने दो अप्रैल को लॉन्च किया था। 16.23 करोड़ से अधिक बार डाउनलोड किया जा चुका है।
ऐप की जरूरत क्यों
कोरोना मरीज के बारे में जानकारी हासिल करना उद्देश्य था। सरकारी व निजी कर्मचारियों के लिए अनिवार्य किया गया।
विवादों से रहा नाता
- डाटा प्रोटेक्शन पॉलिसी का पालन नहीं, लोगों के डाटा का अनाधिकृत प्रयोग
- सीजेआइ को पत्र लिख कहा-सरकार ने करोड़ों लोगों की निजी जानकारी चुराने का आरोप
- इस ऐप को नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर और आईटी मंत्रालय ने डेवलप किया था लेकिन इनकार कर दिया
Published on:
10 Dec 2020 08:38 am
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