
नई दिल्ली। संसार में सबकुछ मोह माया है, ये तो हमें पता है लेकिन पता होने के बावजूद हम इस पर अमल करने का जरूरत महसूस नहीं करते हैं। दुनिया में हर कोई एक बेहतर जिंदगी की चाह में पैसे के पीछे भाग रहा है। एक दूसरे क ो ठगने में ही इंसान खुद को स्मार्ट समझता है। लेकिन हर कोई ऐसा नहीं होता है और आज एक ऐसे ही शख्स या बच्चे के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं जिसने मात्र 12 वर्ष की उम्र में ही इस अंतर को समझ लिया है और वो सांसारिक सुखों का त्याग करना चाहता है।
जी, हां हम यहां बात कर रहे हैं सूरत के हीरा व्यापारी दीपेश शाह के 12 वर्षीय बेटे भव्य के बारे में जो आने वाले 19 अप्रैल से जैन मुनि बन जाएगा और उसे दीक्षा उमरा स्थित जैन संघ में सुबह 8 बजे आचार्य रश्मिरत्नसूरी द्वारा दिया जाएगा। भव्य अपने परिवार के साथ सरगम शॉपिंग स्थित अपार्टमेंट में रहता है।
पढ़ाई में होनहार भव्य को छठवीं कक्षा में 79 प्रतिशत अंक मिला था। इसके बाद वो अपनी छुट्टियों में भव्य मुनियों संग विहार करने लगा और इसके चलते उसने अपनी पढ़ाई छोड़ दी और तो और अब तक वो बड़ोदा,अहमदाबाद, राजकोट, राजस्थान में 1000 किलोमीटर से अधिक की यात्रा कर चुका है।
भव्य की मां पिकाबेन शाह ने इस बारे में कहा कि उनका बड़ा बेटा इंद्र पढ़ाई कर रहा है और बेटी प्रियांशी आज से चार साल पहले 12 वर्ष की आयु में दीक्षा ग्रहण कर लिया था। बहन की दीक्षा और घर का सात्विक माहौल ही शायद भव्य को ऐसा करने के लिए प्रेरित किया। भव्य को ये कहा गया था कि वो बस दो साल और इंतजार कर लें लेकिन उसने किसी की भी नहीं मानी और दीक्षा लेने की जिद पकड़ ली।
भव्य का दीक्षा लेने को लेकर कहना है कि सब कुछ होते हुए भी इंसान झूठ बोलता है तो ऐसे में फिर उसे सुकून कहां? इससे एक बात तो साफतौर पर जाहिर है कि सुविधाएं ही सब कुछ नहीं है।
भव्य सूर्यास्त से पहले भोजन कर लेता है और त्याग की राह पर चलने की ठानी है और इन सब वजहों से ही उसे दीक्षा की अनुमति मिली है। कभी एक समय महंगे कारो का शौकीन भव्य के मन में आया ये परिवर्तन वाकई में चौंकाने वाली है।
Updated on:
14 Mar 2018 12:08 pm
Published on:
14 Mar 2018 11:58 am
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