
48 घंटे के भीतर चार जजों की नियुक्ति पर CJI हैरान, कहा- लॉ मिनिस्ट्री ही दे सकती है इसका जवाब
नई दिल्ली। अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में ज्यादातर मामलों को पर्याप्त सुने बिना ही खारिज करने पर प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष अंसतोष व्यक्त किया।
कर संबंधी एक मामले में राजस्थान सरकार की ओर पेश वेणुगोपाल ने कहा, 'न्याय की आस में लोग हजारों मील दूर से यहां आते हैं। वे पीछे खड़े होकर कोर्ट को देखते हैं। उनके वकील मामले को पढ़ते हैं और आप कह देते हैं खारिज। यह सही नहीं है। कोर्ट को उनकी बात सुननी चाहिए। आप दूसरे कोर्ट की प्रक्रिया देखिए।'
इस पर प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा, हम आपकी बातों को सही भावना के साथ ले रहे हैं, लेकिन यह मानकर मत चलिए कि हम तथ्यों पर ध्यान नहीं देते। हम मामला पढ़कर आते हैं। इसके बाद उन्होंने अटॉर्नी जनरल को केंद्र की ओर से मामले में जिरह करने की अनुमति दे दी।
बता दें कि रंजन गोगोई ने सीजेआई का पदभार संभालते ही वकीलों के मेंशनिंग पर रोक लगा दी थी। उन्होंने कहा था कि जब तक काफी अर्जेंट मामला न हो, मेंशनिंग की अनुमति नहीं होगी। बीते 8 अक्टूबर को ही पूर्व प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की सेवानिवृत्ति के बाद बतौर सीजेआई रंजन गोगोई की नियुक्ति हुई थी। गोगोई ने दीपक मिश्रा के साथ भी काम किया था।
Updated on:
13 Nov 2018 10:11 am
Published on:
13 Nov 2018 09:52 am
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