इस साल के शुरुआत में शहीद हुए थे 10 जवान
आपको बता दें कि इसी साल जनवरी महीने में कश्मीर के गुरेज सेक्टर में हिमस्खलन हुआ था। जिसकी चपेट में सेना के दो शिविर आ गए थे और घटना में 10 जवान शहीद हो गए थे।
आपको बता दें कि इसी साल जनवरी महीने में कश्मीर के गुरेज सेक्टर में हिमस्खलन हुआ था। जिसकी चपेट में सेना के दो शिविर आ गए थे और घटना में 10 जवान शहीद हो गए थे।
गोलाबारी की वजह से हो रहा ज्यादा हिमस्खलन
सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने जनवरी में कहा था कि हिमस्खलन में बढ़ोतरी के लिए जलवायु परिवर्तन और पाकिस्तान से होने वाली भारी गोलाबारी जिम्मेदार है। सेना प्रमुख ने कहा कि संघर्ष विराम का उल्लंघन और पाकिस्तानी जवानों द्वारा भारी हथियारों के इस्तेमाल से मिट्टी ढीली हो रही है। इससे भूस्खलन का खतरा पैदा हो रहा है। संघर्ष विराम का उल्लंघन बहुत ज्यादा हो रहा है और भारी हथियारों का इस्तेमाल भी काफी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग से भी ग्लेशियरों में दरारें बढ़ रही हैं।
सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने जनवरी में कहा था कि हिमस्खलन में बढ़ोतरी के लिए जलवायु परिवर्तन और पाकिस्तान से होने वाली भारी गोलाबारी जिम्मेदार है। सेना प्रमुख ने कहा कि संघर्ष विराम का उल्लंघन और पाकिस्तानी जवानों द्वारा भारी हथियारों के इस्तेमाल से मिट्टी ढीली हो रही है। इससे भूस्खलन का खतरा पैदा हो रहा है। संघर्ष विराम का उल्लंघन बहुत ज्यादा हो रहा है और भारी हथियारों का इस्तेमाल भी काफी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग से भी ग्लेशियरों में दरारें बढ़ रही हैं।
बर्फबारी के बाद जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग बंद
सामान्य बर्फबारी और भारी बारिश की वजह से मंगलवार को जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग और मुगल रोड को बंद कर दिया गया। यातायात विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बनिहाल सेक्टर में बर्फबारी और अन्य हिस्सों में भारी बारिश की वजह से जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग को बंद करना पड़ा। यात्रियों से यात्रा शुरू करने से पहले जम्मू और श्रीनगर में हमारे नियंत्रण कक्षों से संपर्क साधने की सलाह दी गई है।
सामान्य बर्फबारी और भारी बारिश की वजह से मंगलवार को जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग और मुगल रोड को बंद कर दिया गया। यातायात विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बनिहाल सेक्टर में बर्फबारी और अन्य हिस्सों में भारी बारिश की वजह से जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग को बंद करना पड़ा। यात्रियों से यात्रा शुरू करने से पहले जम्मू और श्रीनगर में हमारे नियंत्रण कक्षों से संपर्क साधने की सलाह दी गई है।