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नई दिल्ली। अयोध्या राम मंदिर जमीन विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने आज अपना ऐतिहासिक फैसला ( Ayodhya Verdict ) सुना दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने फैसल सुनाते हुए विवादित जमीन राम जन्मभूमि न्यास को देने का फैसला ( Ayodhya Faisla ) किया है। सुन्नी वफ्त बोर्ड को अयोध्या में अलग से 5 एकड़ जमीन देने की बात कही है। चीफ जस्टिस ने बाबरी मस्जिद (babri masjid) मामले पर शिया वक्फ बोर्ड (shia Central waqf board) के दावे को भी खारिज कर दिया है।
बता दें कि शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने बाबरी मस्जिद पर अपना दावा किया था। दावा करते हुई इस मामले में शिया वक्फ बोर्ड नया पक्ष बनकर सामने आया था। शिया बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दाखिल की थी।
लेकिन आज फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शिया वक्फ बोर्ड के दावे को खारिज कर दिया है। आइए जानते हैं कि शिया वक्फ बोर्ड ने क्या दावा किया था-
क्या था शिय वक्फ बोर्ड का दावा
इस मामले में नया पक्ष बनकर उभरी शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन सैय्यद वसीम रिजवी ने दवा कि था कि प्राप्त सबुतों के आधार पर यह सामने आया है कि बाबरी मस्जिद शिया वक्फ बोर्ड के अधीन है।
उन्होंने कहा था कि भले ही की पिछले 71 साल से इसे लेकर दावा नहीं किया गया था। रिजवी ने दावा करते हुए कहा था कि वक्फ मस्जिद मीर बाकी (बाबरी मस्जिद) शिया वक्फ के तहत आती है।
बोर्ड के अध्यक्ष ने आरोप लगाते हुए कहा कि 1946 में मस्जिद के प्रकरण में शिया वक्फ बोर्ड की भूमिका संदिग्ध रही है। इस मामले कुछ खेल हुआ है।
इस वजह से अभी तक अलग-अलग कोर्ट में चल रहे मुकदमों में शिया वक्फ बोर्ड की तरफ से अपना पक्ष नहीं रखा गया। वहीं, उन्होंने यह भी दावा किया कि मीर बाकी शिया थे।
Updated on:
09 Nov 2019 12:27 pm
Published on:
09 Nov 2019 12:15 pm
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