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भीमा कोरेगांव हिंसा: मानवाधिकार कार्यकर्ता अरुण फरेरा ने लगाई जमानत याचिका

इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने गौतम नवलखा की नजरबंदी को खत्म करने का आदेश दिया था।

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Kapil Tiwari

Oct 05, 2018

Arun Ferreira

Arun Ferreira

पुणे। भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में गिरफ्तार किए गए पांच वामपंथी कार्यकर्ताओं में से एक अरुण फरेरा ने शुक्रवार को जमानत याचिका दायर की है। ये याचिका पुणे की सेशन कोर्ट में दाखिल की गई है। याचिका में मांग की गई है कि उनको नजरबंदी से रिहा किया जाए। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अरुण फरेरा समेत पांचों वामपंथी कार्यकर्ताओं को नजरबंद रखने का आदेश दिया गया था, लेकिन पिछले दिनों गौतम नवलखा की नजरबंदी को दिल्ली हाईकोर्ट ने खत्म कर दिया था।

गौतम नवलखा को दिल्ली हाईकोर्ट से मिली थी राहत

माना जा रहा है कि अरुण फरेरा की याचिका पर सोमवार को सुनवाई हो सकती है। अरुण फरेरा उन वामपंथी कार्यकर्ताओं में से एक हैं, जिन्हें भीमा कोरेगांव हिंसा मामले से तार होने के शक में गिरफ्तार किया गया था। इन पांचों कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन भी हुए थे और इसके लिए मोदी सरकार को दोषी ठहराया गया था। गिरफ्तार किए गए पांच कार्यकर्ताओं में तेलुगू कवि वरवरा राव, मानवाधिकार कार्यकर्ता अरुण फरेरा और वर्णन गोंसाल्विस, मज़दूर संघ कार्यकर्ता और अधिवक्ता सुधा भारद्वाज और नागरिक अधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा शामिल थे।

महाराष्ट्र सरकार ने गौतम की रिहाई के खिलाफ लगाई याचिका

बीते सोमवार को गौतम नवलखा को दिल्ली हाईकोर्ट से राहत मिल गई थी। हाईकोर्ट ने गौतम नवलखा की नजरबंदी को हटा दिया था। हालांकि कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी। इस याचिका में गौतम नवलखा की नजरबंदी को हटाने वाले फैसले पर रोक लगाने की मांग की गई थी। महाराष्ट्र सरकार के वकील निशांत कटनेश्वर ने कहा था कि दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने के लिए बुधवार को याचिका दाखिल की गई है। याचिका में हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाकर तुरंत हाउस अरेस्ट के आदेश बहाल करने की मांग है।

28 अगस्त को हुई थी गिरफ्तारी

आपको बता दें कि बता दें कि, दिल्ली हाईकोर्ट ने 1 अक्टूबर को कहा था कि नवलखा को 24 घंटे से अधिक समय से हिरासत में रखा गया, जिसे उचित नहीं ठहराया जा सकता है। 28 अगस्त को गौतम नवलखा को गिरफ्तार किया गया था। अन्य चार कार्यकर्ताओं को देश के विभिन्न हिस्सों से गिरफ्तार किया गया था। नवलखा को दक्षिणी दिल्ली के नेहरू एंक्लेव के उनके आवास से गिरफ्तार किया गया था।