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कंगना रनौत के बंगले में की गई तोड़-फोड़ की कार्रवाई के मामले में सुनवाई करते हुए बंबई हाई कोर्ट ने शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत को फटकार लगाई है। हाईकोर्ट ने राउत से पूछा कि क्या एक सांसद को दूसरों को धमकी देनी चाहिए। जस्टिस एस जे कत्थावाल और आर आई चागला की पीठ ने कंगना के खिलाफ शिव सेना नेता संजय राउत के बयान को लेकर आपत्ति जताई।
जजों ने संजय राउत को लगाई फटकार
जजों की पीठ ने कहा, "हम उनके बयान से सहमत नहीं हैं, लेकिन क्या इसका जवाब घर तोड़कर देंगे? क्या एक सांसद के लिए यह उचित हैं?" उन्होंने आगे कहा, "हम भी महाराष्ट्रियन हैं। हम सभी को महाराष्ट्रियन होने का गर्व है। लेकिन किसी का घर नहीं गिराने लगेंगे। क्या यह जवाब देने का तरीका है? क्या यह आपके लिए शोभनीय है?"
इससे पहले संजय राउत के वकील ने हलफनामा दाखिल करते हुए कहा कि राउत ने किसी का नाम नहीं लिया और न ही धमकी दी थी। इस पर पीठ ने राउत के इंटरव्यू का उल्लेख किया जिसमें राउत ने उखाड़ने की बात कही। कोर्ट ने पूछा कि इसका क्या मतलब है?
संजय राउत की वकील ने मानी गलती
हाई कोर्ट की फटकार के बाद राउत की वकील ने गलती मानते हुए कहा कि उन्हें एक राज्यसभा सदस्य होने के नाते अधिक जिम्मेदार होना चाहिए था। वकील ने कहा कि राउत को ऐसा नहीं कहना चाहिए था। उन्होंने जो भी कहा, उसमें धमकी भरा कोई संदेश नहीं था वरन केवल यही कहा था कि याचिकाकर्ता बेहद बेईमान है। और यही वह टिप्पणी थी जिसके बाद याचिकाकर्ता ने कहा कि महाराष्ट्र सुरक्षित नहीं है।
कंगना के बंगले में हुई तोड़फोड़ में राउत भी है प्रतिवादी
उल्लेखनीय है कि नौ सितंबर को कंगना के बंगले में अवैध निर्माण करने का आरोप लगाते हुए बृह्नमुंबई महानगर पालिका (BMC) ने बंगले के कुछ हिस्से को गिरा दिया था। इस पर कंगना ने कोर्ट में अपील कर 2 करोड़ रुपए के मुआवजे की मांग की थी और इस मामले में संजय राउत को भी प्रतिवादी बनाया था। कोर्ट ने अपील सुनते हुए बंगले में तोड़-फोड़ की कार्रवाई पर रोक लगा दी थी।
Published on:
30 Sept 2020 08:08 am
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