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कल शुरू होगा बनिहाल-संगलदान रेल खंड, इसका 90 फीसदी हिस्सा सुरंगों से होकर गुजरता है

मेगा प्रोजेक्ट : 272 किलोमीटर लंबा है उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक

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कल शुरू होगा बनिहाल-संगलदान रेल खंड, इसका 90 फीसदी हिस्सा सुरंगों से होकर गुजरता है

इस रेल खंड पर 15 हजार 863 करोड़ की लागत आई है।

नई दिल्ली. कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोडऩे वाले 272 किलोमीटर लंबे उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (यूएसबीआरएल) का सबसे महत्वपूर्ण बनिहाल-संगलदान रेल खंड 20 फरवरी से शुरू होने की उम्मीद है। परियोजना का 161 किलोमीटर रेलमार्ग पहले ही खोल दिया गया। शेष 111 किलोमीटर लंबे कटड़ा-बनिहाल सेक्शन का 95 फीसदी कार्य पूरा हो चुका है। 48.1 किलोमीटर लंबा बनिहाल-संगलदान रेल खंड भी इसी का हिस्सा है। इससे अब तक बारामूला से बनिहाल तक चलने वाली ट्रेन को रामबन जिले के संगलदान तक बढ़ाया जाएगा। इस रेल खंड पर 15 हजार 863 करोड़ की लागत आई है। 20 फरवरी को प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी वर्चुअली इस रूट पर ट्रेन को हरी झंडी दिखा सकते हैं। बनिहाल-संगलदान रेल खंड की खास बात ये है कि इसका 90 फीसदी हिस्सा सुरंगों से होकर गुजरता है।

सुरक्षा और सुविधा
इस रेल खंड में यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा का ध्यान में रखते हुए सुरंग सुरक्षा तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। अत्याधुनिक तकनीक से वेंटिलेशन और अग्निशमन प्रणाली विकसित की गई है। गिट्टी रहित टै्रक बिछाया गया है।

एफिल टावर से ऊंचा चिनाब ब्रिज
जम्मू-कश्मीर में चिनाब नदी पर बना दुनिया का सबसे ऊंचा रेल ब्रिज ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना का ही हिस्सा है। इस ब्रिज की ऊंचाई 359 मीटर है, जो फ्रांस के एफिल टावर से भी 35 मीटर ज्यादा है। पुल के निर्माण में उच्च क्वालिटी के स्टील का इस्तेमाल किया गया है, जो माइनस 10 डिग्री सेल्सियस से 40 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान का सामना कर सकता है। 260 किमी प्रति घंटे की गति चलने वाली हवा और 8 तीव्रता के भूकंप में भी सुरक्षित रहेगा। पुल निर्माण में करीब 1500 करोड़ रुपए की लागत आई है।

एक नजर में पूरा प्रोजेक्ट
-272 किलोमीटर लंबी है यूएसबीआरएल परियोजना
-161 किलोमीटर लंबा रेलमार्ग पहले शुरू हो चुका है
-111 किलोमीटर के शेष हिस्से का 95 फीसदी काम पूरा
-15,863 करोड़ की लागत से बना 48.1 किलोमीटर लंबा बनिहाल-संगलदान रेल खंड, जिसका उद्घाटन होना है
-16 पुल हैं इस खंड में, जिसमें 11 बड़े और 4 छोटे पुल हैं, एक ओवरब्रिज है
-11 सुरंगें 43.37 किलोमीटर कवर करती हैं, यानी रेल खंड का 90 फीसदी हिस्सा
-30.1 किलोमीटर लंबाई की तीन एस्केप सुरंगें हैं, 30 मोड़ हैं इसमें


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