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सेंट्रल बैंक और IOB के अलावा बैंक ऑफ इंडिया भी होगा प्राइवेट! सरकार कर रही है विचार

locationनई दिल्लीPublished: Jun 07, 2021 02:51:46 pm

Submitted by:

Shaitan Prajapat

एक रिपोर्ट के मुताबिक नीति आयोग ने दो बैंकों के नाम की सिफारिश भी की है। लेकिन सूत्रों के मुताबिक अब बैंक ऑफ हिस्सेदारी बिक्री को लेकर बैंक ऑफ इंडिया का नाम भी सामने आ रहा है।

Bank of India

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नई दिल्ली। बैंक प्राइवेटाइजेशन को लेकर बड़ी खबर आ रही है. केंद्र सरकार ने फरवरी में पेश किए गए बजट में बैंकों के निजी करण का ऐलान किया था। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में दो सरकारी बैंकों के निजीकरण की घोषणा की थी। सरकार की घोषणा के अनुसार, सरकार सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंक में अपनी हिस्सेदारी बेच सकती है। इसी बीच खबर आ रही है कि सरकार बैंक ऑफ इंडिया में भी अपनी हिस्सेदारी बेच सकती है। यानी बैंक ऑफ इंडिया भी प्राइवेट हाथों में जा सकता है।

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एक बीमा कंपनी का नाम भी शामिल
एक रिपोर्ट के मुताबिक नीति आयोग ने दो बैंकों के नाम की सिफारिश भी की है। लेकिन सूत्रों के मुताबिक अब बैंक ऑफ हिस्सेदारी बिक्री को लेकर बैंक ऑफ इंडिया का नाम भी सामने आ रहा है। बजट के दौरान बैंकों के साथ एक बीमा कंपनी की भी बात कही गई थी। नीति आयोग को निजीकरण के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंको और एक बीमा कंपनी का नाम चुनने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट में निजीकरण से जुड़ी घोषणा की गई थी। बैंकों के निजीकरण की लिस्ट में बैंक ऑफ इंडिया, ओवरसीज बैंक, सेंट्रल बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, पंजाब एंड सिंध बैंक और यूको बैंक शामिल हैं।

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करीब 44 हजार करोड़ है मार्केट वैल्यू
शेयर प्राइस के आधार पर हिस्सेदारी की बात करें तो सेंट्रल बैंक और इंडियन ओवरसीज बैंक की मार्केट वैल्यू करीब 44,000 करोड़ रुपए है। इसमें से इंडियन ओवरसीज बैंक का मार्केट कैप 31,641 करोड़ रुपए आंका गया है। इससे पहले नीति आयोग ने विनिवेश संबंधी सचिवों की कोर समिति को उन सरकारी बैंकों के नाम सौंप दिए हैं जिनका विनिवेश प्रक्रिया के तहत मौजूदा वित्तीय वर्ष में निजीकरण किया जाना है। सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया 30 अप्रैल को 16.3 रुपये से 30.67 प्रतिशत बढ़कर 4 जून को 21.3 रुपये हो गया है। वहीं आईओबी 22.6 प्रतिशत बढ़कर 30 अप्रैल को 15.7 रुपये से 4 जून को 19.25 रुपये हो गया।

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