
गांधी का संदेश सजीव कर रहा ‘बापू अब भी जिंदा हैं’ का मंचन
नई दिल्ली। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर उनकी स्मृति में ‘बापू अब भी जिंदा हैं’ नाटक तैयार किया गया है। फिल्म के जाने-माने कलाकार मनोज जोशी ने इसमें सूत्रधार की बेहद प्रभावी भूमिका कर इसे विशेष बना दिया है। पत्रकार प्रतिबिम्ब शर्मा लिखित इस नाटक के मंचन में 75 से अधिक कलाकार और तकनीशियन शामिल हैं। इसका निर्देशन कुंवर श्यामेंद्र सिंह ने किया है और प्रस्तुति महात्मा गांधी विचार अनुभूति मंच की है।
विशेष प्रकाश व्यवस्था, विशाल एलईडी पर उभरने और बदलने वाले बैकग्राउंड और एनिमेशन ने इस सारगर्भित नाटक को इतना भव्य बना दिया है कि आठ बरस से ले कर अस्सी बरस तक के दर्शक इसे देख कर विस्मित हो जाते हैं।
सुफ़यान ने बापू के व्यक्तित्व को अपनी अदाकारी से जीवंत बना दिया है। सुफ़यान इससे पहले दया प्रकाश सिन्हा द्वारा लिखित नाटक इतिहास में भी गांधी का किरदार निभा चुके हैं। इसमें क़रीने से दर्शाया गया है कि सत्य, अहिंसा और गीता कैसे बापू के जीवन के महत्वपूर्ण अंग बन गए और इन सब ने बापू को कैसे विश्व नायक बना दिया।
नाटक के संयोजक श्रीराम जोशी ने बताया कि 30 जनवरी तक देशभर में कई शो किए जाएंगे। उसके पश्चात् देश से बाहर मॉरिशस, फिजि और दक्षिण अफ्रीका में भी नाटक के मंचन होंगे। हाल में दिल्ली में इसकी प्रस्तुति लगभग दो हज़ार दर्शकों से खचाखच भरे सिरी फोर्ट सभागार में हुई।
“नाटक नयी पीढ़ी के लिए किसी दस्तावेज से कम नहीं है।”
- सच्चिदानंद जोशी, मेंबर सेक्रेटरी, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र
“बापू को उनकी 150वी जयंती पर इससे बड़ी श्रद्धांजली नहीं मिल सकती। श्रद्धांजली कहने में भी संकोच हो रहा है क्योंकि नाटक ने प्रतिपादित जो कर दिया है कि बापू अब भी ज़िदा हैं।”
- नलिनी, विश्व विख्यात शास्त्रीय नृत्यांगना
'टाइटल सुनकर ही मैंने अभिनय की स्वीकृति दे दी थी। मंचन को मिले उत्साहवर्धन से और प्रसन्नता हो रही है।”
- मनोज जोशी, प्रख्यात फिल्म और थिएटर कलाकार
Updated on:
28 Dec 2019 08:41 pm
Published on:
28 Dec 2019 04:26 pm
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