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बाटला हाउस एनकाउंटर केस: IM का आतंकी आरिज दोषी करार, 15 मार्च को कोर्ट सुनाएगी सजा

बाटला हाउस एनकाउंट केस में आतंकी आरजि दोषी करार कोर्ट 15 मार्च को करेगी सजा का ऐलान एनकाउंटर केस के बाद आरिज भाग गया था, साल 2018 में उसे नेपाल से गिरफ्तार किया था

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Dheeraj Sharma

Mar 08, 2021

Batla House Case

बाटला हाउस केस

नई दिल्ली। दिल्ली की साकेत कोर्ट ने सोमवार को बहुचर्चित बाटला हाउस एनकाउंटर (Batla House Encounter) से जुड़े एक मामले में अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने इंडियन मुजाहिद्दीन ( Indian Mujahideen ) के आतंकी आरिज खान ( Ariz khan ) को दोषी करार दिया है।

खास बात यह है कि 15 मार्च को कोर्ट आरिज की सजा का ऐलान करेगी। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरिज उर्फ जुनैद के मौका-ए-वारदात पर मौजूद होने को साबित करने में सफल रहा।

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इन धाराओं में दिया दोषी करार
कोर्ट ने आरिज खान को धारा 302, 307 और आर्म्स एक्ट में दोषी करार दिया है।

आपको बता दें कि दिल्ली में साल 2008 में हुए बाटला हाउस एनकाउंटर केस के बाद आरिज भाग गया था, साल 2018 में उसे नेपाल से गिरफ्तार किया गया था।

कोर्ट ने फैसले के दौरान जांच अधिकारी को कहा कि वो आरिज खान और उसके परिवार की आर्थिक स्थिति की जानकारी लेकर अगली तारीख को कोर्ट को बताएं। उसी के बाद कोर्ट की ओर से तय किया जा सकेगा कि परिवार से कितनी राशि वसूल की जाएगी।

इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा की चली गई थी जान
एनकाउंटर मामले में इंस्पेक्टर 44 वर्षीय मोहन चंद शर्मा को 19 सितंबर, 2008 को दक्षिणी दिल्ली के बटला हाउस में छिपे हुए पांच संदिग्ध आतंकवादियों को पकड़ने के दौरान तीन गोलियां लगी थीं। बाद में इलाज के दौरान उन्होंने अस्पताल में दम तोड़ दिया था।

इसके अलावा जबकि पुलिसकर्मी बलवंत सिंह-राजवीर को भी जान से मारने की कोशिश की गई थी।

शहजाद हो चुकी सजा
इससे पहले 2013 में एक आतंकी शहजाद अहमद को इस मामले में सजा हो चुकी है। बटला हाउस एनकाउंटर के दौरान दोनों वहां से भाग निकलने में कामयाब हो गए थे, जबकि इनके तीन साथी आतिफ आमीन, मोहम्मद सैफ और मोहम्मद साजिद पुलिस के हाथों मारे गए थे।

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कौन है आरिज खान?
साल 2008 में दिल्ली-जयपुर-अहमदाबाद और यूपी की अदालतों में जो धमाके हुए थे, उनके मुख्य साजिशकर्ताओं में आरिज का नाम था।

इन धमाकों में कुल 165 लोगों की जान गई थी, जबकि 535 लोग घायल हुए थे। धमाकों के बाद तब आरिज पर 15 लाख रुपए का इनाम घोषित किया गया था और इसके खिलाफ इंटरपोल के जरिए रेड कॉर्नर नोटिस निकला हुआ था।