
नई दिल्ली। जस्टिस केएम जोसेफ की सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति को लेकर विवाद और गहराता जा रहा है। इस मुद्दे पर अब सभी की नजरें चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता में होने वाली आज की कोलेजियम बैठक पर टिकी हैं। योजना के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के टॉप पांच जज कोलेजियम की बैठक में हिस्सा लेकर इस मुद्दे पर चर्चा कर अंतिम फैसला लेंगे। अब इस बैठक पर संकट के बादल छा गए हैं क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश चेलमेश्वर अचानक छुट्टी पर चले गए हैं।
टल सकती है बैठक
जस्टिस चेलमेश्वर कोलेजियम के गिने चुने सदस्यों में से एक हैं, लेकिन बैठक शुरू होने से पहले वो छुट्टी पर चले गए हैं। इससे साफ है कि कोलेजियम के सदस्यों के बीच आम सहमति नहीं बन पाई है, जिसके चलते आज होने वाली कोलेजियम की बैठक में वो हिस्सा नहीं लेंगे। बताया जा रहा है कि जस्टिस चेलमेश्वर अचानक छुट्टी पर गए हैं, क्योंकि उनकी कोर्ट के बाहर केस से जुड़ी लिस्ट पर काम पेंडिंग है। अगर जस्टिस चेलमेश्वर बैठक में हिस्सा नहीं लेते हैं, तो कोलेजियम बैठक आज भी टल सकती है। हालांकि इस बात की अभी आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं हुई है। बताया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम जस्टिस केएम जोसेफ की नियुक्ति रोकने से संतुष्ट नहीं है और न ही सरकार द्वारा तर्कों पर संतुष्ट दिख रही है। जबकि केंद्र सरकार ने जस्टिस जोसेफ की नियुक्ति से जुड़ी फाइल को वापस कर दिया था, जिसपर काफी हंगामा मचा है।
कोलेजियम में कौन जज हैं शामिल?
कोलेजियम में चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस जे. चेलमेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ शामिल हैं। सभी जज जस्टिस केएम जोसेफ की नियुक्ति पर सरकार के जवाब पर आज चर्चा करेंगे। उम्मीद है कि जोसेफ के नाम को ही दोबारा केंद्र के पास भेजा जाएगा।
कई जज उठा चुके हैं सवाल
सुप्रीम कोर्ट के कई मौजूदा और पूर्व जज इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दे चुके हैं। पहले जस्टिस चेलमेश्वर फिर जस्टिस कुरियन जोसफ और पिछले हफ्ते जस्टिस मदन बी लोकुर ने भी चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा को चिट्ठी लिखकर सुप्रीम कोर्ट की गरिमा बचाने और सरकार की मनमानी रोकने के उपाय करने पर जोर दिया। इन उपायों की तलाश के लिए फुलकोर्ट यानी सभी जजों की मीटिंग बुलाने की मांग की।
कांग्रेस का आरोप
कांग्रेस पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में उत्तराखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश केएम जोसेफ के नाम को मंजूरी नहीं दिए जाने पर भी मोदी सरकार पर हमला बोला। कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल का कहना है कि कानून कहता है कि सुप्रीम कोर्ट का कोलेजियम जो चाहेगा वही होगा। जबकि सरकार चाहती है कि अगर उनके मन मुताबिक नहीं हुआ तो कोलेजियम की सिफारिशों को नजरअंदाज करेगी और उसे मंजूरी नहीं देगी। सरकार की मंशा साफ है कि वह जस्टिस जोसेफ को जज नहीं बनने देंगे। आपको बता दें कि जोसेफ ने 2016 में उत्तराखंड में केंद्र के राष्ट्रपति शासन को खारिज कर दिया था।
Published on:
02 May 2018 01:09 pm
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