नई दिल्ली। नोटबंदी के फैसले के लागू होने के एक महीने बाद इसको लेकर अबतक का सबसे बड़ा खुलासा हुआ है। रॉयटर्स के रिपोर्ट के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसकी तैयारी एक साल पहले ही कर चुके थे। इस योजना को गुप्त रखने के लिए मोदी ने अपने एक भरोसेमंद अधिकारी के साथ 6 अन्य लोगों की टीम को चुना था। मोदी के भरोसेमंद अधिकारी और पांच अन्य लोगों के अलावा इस योजना की जानकारी किसी को नहीं थी।
मोदी के अधिकारीक आवास के दो कमरे में रिसर्चर्स की टीम कर रही थी काम
रिपोर्ट के मुताबिक पांच लोगों के अलावा मोदी के अधिकारीक आवास के दो कमरे में रिसर्चर्स की टीम दिन रात एक कर इसके लागू करने और नफा-नुकसान पर काम कर रही थी। इन सभी को गोपनीयता की शपथ तक दिलाई गई थी। इतनी विशेष गोपनीयता इसलिए बरती गई, क्योंकि अगर यह लीक हो जाता तो इसे लागू करने का मकसद पूरा नहीं हो पाता। लोग अपने पैसों को कही न कही जरूर इस्तेमाल कर इसके प्रभाव से बच जाते।
कैबिनेट से मोदी ने कहाः असफलता की जिम्मेदारी मेरी होगी
नरेंद्र मोदी जब इस योजना को लागू करने की बात अपनी कैबिनेट को बताने आए तो उन्होंने कहा कि मैंने नोटबंदी की तैयारी कर ली है। मेरी टीम ने इस पर एक साल से ज्यादा का रिसर्च किया है। हम इसे सफलतापूर्व लागू कर पाएंगे। अगर यह असफल हुआ तो मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि इसकी जिम्मेदारी मेरी होगी।
मोदी और अधिया इस मसले पर करते थे गुजराती में बात
पीएम मोदी नोटबंदी लागू करने की निगरानी निजी स्तर पर देख रहे थे। इसके अलावा अधिया के नेतृत्व में एक टीम इस मामले पर नजर बनाए हुए थी। वित्त मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी अधिया 2003-06 में गुजरात में मोदी के मुख्यमंत्री के कार्यकाल के दौरान प्रधान सचिव के तौर काम किया था। अधिया और मोदी के बीच विश्वास का रिश्ता यहां भी कायम रहा। अधिया को 2015 में राजस्व सचिव बनाया गया था। जब दोनों इस मुद्दे पर मिलते थे गुजराती में बात करते थे।
बड़ा और बोल्ड स्टेप
मोदी की घोषणा के तुरंत बाद अधिया ने ट्वीट किया था कि ब्लैक मनी को रोकने के लिए सरकार द्वारा यह सबसे बड़ा और सबसे बोल्ड कदम है।
इस योजना पर पूरी नजर थी मोदी की
मोदी ने ब्लैक मनी के खिलाफ लड़ाई के लिए एक साल पहले अधिकारियों, वित्त मंत्रालय और आरबीआई के अधिकारियों की टीम बनाई थी। मोदी ने अधिकारियों से पूछा था कि कितनी जल्दी नए नोट छापे जा सकते हैं? कैसे इसकी सप्लाई की जा सकती है? नोटबंदी से किसे फायदा मिलेगा?
अधिया के अदंर रिसर्चर्स की टीम ने नोटबंदी को लागू करने के बारे में चर्चा की थी। नोटबंदी की घोषणा के बाद अफरा-तफरी का माहौल बन गया था और लोग बैंकों की लाइन में खड़े नजर आए।
पूरी प्रक्रिया गुप्त रखी गई
इस योजना को लागू करने के लिए काफी सर्तकता बरती गई। मामले को पूरी तरह गोपनीय रखा गया था। हालांकि इस बीच कुछ ऐसे बयान आ रहे थे जिससे नए नोटों की छपाई की बात सामने आई। इस साल मई में आरबीआई ने बताया था कि वह नई सीरीज के नोटों की छपाई की तैयारी कर रहा है। अगस्त में 2000 रुपये के नए नोट के डिजाइन को मंजूरी दी गई थी। अक्टूबर के अंत में मीडिया में इस तरह की खबरें आने लगी थी।
18 नवंबर को करना था लागू, लीक होने की आशंका से पहले करना पड़ा
नोटबंदी में शामिल एक अन्य व्यक्ति ने बताया कि पहले नोटबंदी योजना को 18 नवंबर को लागू करना था, लेकिन इसके लीक होने की आशंका के बाद इसे जल्दी लागू किया गया।
बता दें कि 8 नवंबर को देश को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि आज रात से पांच सौ और हजार के नोट बंद कर दिए जाएंगे। राष्ट्र के नाम संबोधन में पीएम ने कहा था कि कुछ दिन तक लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। लेकिन, बाद में देश में अफरा-तफरी का माहौल हो गया था। एक महीने बाद भी स्थिति समान्य नहीं हुई है।