कोलकाता। पश्चिम बंगाल सरकार और केंद्र सरकार के बीच टकराव और भी बढ़ने की संभावना बढ़ गई है। दरअसल, सोमवार को पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव बंद्योपाध्याय सेवानिवृत हुए हैं और अब उन्हें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का सलाहकार नियुक्त किया गया है।
दरअसल, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति का फैसला केंद्र की बदले की राजनीति का नतीजा बताते हुए अलपन बंद्योपाध्याय को मुख्यमंत्री का मुख्य राजनीतिक सलाहकार नियुक्त किया है।
बंद्योपाध्याय के सामान्य सेवानिवृत्ति का विकल्प चुनने का निर्णय तब आया, जब केंद्र ने उन्हें और राज्य सरकार को एक दूसरा पत्र भेजा, जिसमें वरिष्ठ अधिकारी को मंगलवार को नॉर्थ ब्लॉक में रिपोर्ट करने के लिए कहा गया था।
ममता ने पीएम को पत्र लिखकर की थी फैसला वापस लेने की मांग
केंद्र द्वारा यह प्रतिक्रिया ममता बनर्जी द्वारा पहले भेजे गए पत्र के प्रतिक्रयास्वरुप थी। इस पत्र में मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेटर ऑफ रिकॉल को वापस लेने और बंद्योपाध्याय को अगले तीन महीनों के लिए पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव के रूप में काम जारी रखने की अनुमति देने का आग्रह किया था।
इससे पहले 28 मई को केंद्र ने बंद्योपाध्याय को पत्र लिखकर 31 मई को सुबह 10 बजे कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) को रिपोर्ट करने के लिए कहा था। इसने राज्य सरकार से उन्हें इस उद्देश्य के लिए आवश्यक मंजूरी देने के लिए भी कहा था।
मुख्य सचिव को रिहा करने के लिए अनिच्छुक बनर्जी ने सोमवार को प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कहा कि "मैं विनम्रतापूर्वक आपसे अनुरोध करती हूं कि आप अपने फैसले को वापस ले लें, इस पर पुनर्विचार करें और व्यापक जनहित में नवीनतम तथाकथित आदेश को रद्द करें।"
Updated on:
31 May 2021 10:20 pm
Published on:
31 May 2021 10:13 pm