
भारतीय जनता पार्टी (BJP) की कोर कमेटी में हुए फेरबदल के बाद पार्टी में असंतोष उभर कर सामने आने लगा है। राष्ट्रीय सचिव पद से हटाए गए राहुल सिन्हा ने अपनी नाराजगी जताते हुए कहा कि उन्हें उनकी 40 साल की सेवा का यह 'पुरस्कार' मिला है। उन्होंने वीडियो जारी करते हुए कहा कि मैं पार्टी से पिछले 40 साल से जुड़ा हूं। आज पार्टी ने मुझे यह पुरस्कार दिया। उसने उन नेताओं का मार्ग प्रशस्त करने के लिए मुझे हटाया जो तृणमूल कांग्रेस से आए हैं। उल्लेखनीय है कि उनके स्थान पर पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस से आए मुकुल राय तथा अनुपम हजारा को संगठन में मुख्य स्थान दिया गया है। राय को उपाध्यक्ष तथा हजारा को सचिव नियुक्त किया गया है। मुकल राय ने 2017 तथा हजारा ने मार्च 2019 में तृणमूल कांग्रेस छोड़ भाजपा ज्वॉइन की थी।
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों को ध्यान रखते की गई है नियुक्ति
उनकी अगुवाई में लोकसभा चुनाव तथा गत विधानसभा चुनावों में भाजपा ने पश्चिम बंगाल में अच्छा प्रदर्शन किया था। भाजपा को मुकुल राय के आने से भी काफी मजबूती मिली है। माना जा रहा है कि राय तथा हजारा की नियुक्ति पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए की गई है। पार्टी के पदाधिकारियों के अनुसार पार्टी इस बार उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन करेगी।
दिलीप घोष ने किया सिन्हा की बात का खंडन
राहुल सिन्हा की बात को नकारते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि यह पार्टी का निर्णय है और संभवतया उन्हें किसी अन्य स्थान पर अन्य तरीके से समायोजित किया जा सकता है। वहीं दूसरी ओर राहुल सिन्हा ने भी कहा है कि वह अपने अगले कदम की घोषणा करने से पहले कुछ दिन इंतजार करेंगे और उसके बाद ही कोई निर्णय लेंगे।
भाजपा के लिए है चुनौतीपूर्ण समय
हाल ही भाजपा के सबसे पुराने और विश्वस्त सहयोगियों में एक अकाली दल ने भाजपा से नाता तोड़ लिया है, वहीं दूसरी ओर पार्टी के अंदर भी कई मुद्दों पर विरोध के स्वर उभरने लगे हैं। ऐसे में भाजपा कई मोर्चों पर चुनौतियों का सामना कर रही है, यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा इन चुनौतियों से कैसे पार उतरने में कामयाब हो पाती है।
Published on:
27 Sept 2020 08:15 am
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