डब्ल्यूएचओ से मिल सकती है मंजूरी
मीडिया रिपोर्ट में एला ने कहा कि भारत बायोटेक को इस साल की तीसरी तिमाही में लाइसेंस मिल सकता है। एला ने आगे कहा कि भारत बायोटेक ने कोवैक्सिन के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से अनुमोदन प्राप्त करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। एला ने कहा कि अतीत में हमारे कुछ उत्पादों को उनकी मंजूरी मिल गई थी। हम तीसरी या चौथी तिमाही के अंत तक कोवाक्सीन के लिए अनुमोदन की उम्मीद कर रहे हैं।
चल रही थी मांग
इससे पहले मई में, एक विशेषज्ञ पैनल ने सिफारिश की थी कि 2-18 आयु वर्ग पर कोवैक्सिन के चरण 2/3 नैदानिक परीक्षण शुरू किए जाने चाहिए। संक्रमण की संभावित तीसरी लहर आने से पहले स्वास्थ्य विशेषज्ञ बच्चों के लिए प्रभावी और सुरक्षित खुराक की मांग कर रहे हैं। भारत ने अब तक कोविशील्ड, कोवैक्सिन और स्पुतनिक वी को मंजूरी दी है। कोवाक्सीन स्वदेशी रूप से भारत बायोटेक द्वारा भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के सहयोग से विकसित किया गया है।