बाइडेन के रुख से टेंशन में चीन, अमरीका-भारत के बीच रणनीतिक साझेदारी और मजबूत होने के संकेत
- बाइडेन के नेतृत्व में अमरीका-भारत के बीच और बेहतर होंगे संबंध।
- रणनीतिक साझेदारी पर पहले से ज्यादा जोर दे सकते हैं बाइडेन।

नई दिल्ली। अमरीका के राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा एंटनी ब्लिंकन को स्टेट सेक्रेटरी बनाने के संकेत मिलने के बाद भारत और अमरीका के बीच रणनीतिक साझेदारी और बढ़ने के संकेत मिले हैं। इसके बाद से चीन की टेंशन बढ़ गई है। ऐसा इसलिए कि बाइडेन के नामित टीम के महत्वपूर्ण सदस्यों में स्टेट सेक्रेटरी एंटनी ब्लिंकन और सीआईए के डायरेक्टर विलियम बर्न्स ने भारत को रणनीतिक रूप से अब भी उतना ही महत्व मिलने की संभावना जताई है जितनी ट्रंप प्रशासन के दौरान मिली थी। इसलिए 20 जनवरी को जो बाइडेन द्वारा राष्ट्रपति का पद ग्रहण करने के बाद भारत और अमरीका के बीच रणनीतिक साझेदारी का ग्राफ ऊपर की ओर चढ़ना तय माना जा रहा है।
एंटनी ब्लिंकन पर भरोसा करते हैं बाइडेन
बता दें कि बाइडेन ने अपने चुनाव अभियान के दौरान बताया था कि भारत-अमरीका परमाणु समझौते में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी। पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा प्रशासन के तहत भारत-अमरीका साझेदारी के लिए पूरा समर्थन दिया था। जब बाइडेन ओबामा के उप राष्ट्रपति थे, उस वक्त ब्लिंकन बाइडेन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार थे। उन्होंने उसी प्रशासन में राज्य के डिप्टी सेक्रेटरी के तौर पर भी काम किया था।
ब्लिंकन को व्यापक रूप से बाइडेन का करीबी विश्वासपात्र माना जाता है। वे उनके चुनाव अभियान के लिए विदेश नीति सलाहकार भी थे। हडसन इंस्टीट्यूट के साथ बातचीत में ब्लिंकन ने पिछले साल घोषणा की थी कि बाइडेन एक राष्ट्रपति के रूप में भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने और गहरा करने के लिए प्राथमिकता देंगे।
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