
Indian Army
श्रीनगर। केंद्र की मोदी सरकार ने रविवार को कश्मीर में सीजफायर को खत्म करने के ऐलान कर दिया। साथ ही घाटी में सेना को एक तरह से फ्री हैंड कर दिया, क्योंकि गृह मंत्रालय ने कश्मीर में फिर से ऑपरेशन ऑलआउट शुरू करने के निर्देश सेना को दे दिए हैं। इस ऐलान के साथ ही एकबार फिर से सेना आतंकियों के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन शुरू करेगी, जिसमें आतंकियों को अपने सिर मौत मंडराती हुई नजर आएगी।
ऑपरेशन ऑलआउट के साथ सेना के सामने होंगी कई चुनौतियां
भारत सरकार ने इस ऐलान के साथ ही कश्मीर में शांति बहाल की अपनी कोशिशों को आगे बढ़ाया है। सोमवार से कश्मीर में सेना ऑपरेशन ऑलआउट शुरू कर देगी। इस बार सेना से उम्मीदें भी ज्यादा हैं, इसलिए पिछले कुछ दिनों में जिस तरह से घाटी में परिस्थितियां बनी हैं उनसे पार पाना आसान नहीं होगा। घाटी में फिर से ऑपरेशन ऑलआउट चलाना सेना के लिए कई चुनौतियां लेकर आएगा। कई मोर्चों पर सेना को अपनी मजबूत पेश करनी होगी।
अमरनाथ यात्रा पर मंडरा रहा है आतंकी साया
एक तरफ तो सेना को घाटी में शांति बहाल करने की जिम्मेदारी दी गई तो वहीं इसे ध्यान में रखते हुए घाटी में आतंकियों को मौत के घाट उतारना होगा। ईद के बाद सेना और सरकार का बड़ा लक्ष्य ये है कि आखिर किस तरह अमरनाथ यात्रा को शांतिपूर्ण ढंग से पूरा कराया जाए, क्योंकि हर बार की तरह इस बार भी अमरनाथ यात्रा पर आतंकी हमले का साया है। 28 जून से शुरू हो रही इस यात्रा के लिए कई तरह के अलर्ट भी जारी हैं। हाल ही में आई इंटेलीजेंस की एक रिपोर्ट की मानें, लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के करीब 450 पाकिस्तानी आंतकी सीमा पार अमरनाथ यात्रा को अपना निशाना बनाने के लिए तैयार बैठे हैं। अमरनाथ यात्रा 28 जून से शुरू होकर अगले 21 दिनों तक चलेगी।
बॉर्डर पर पाकिस्तानी गोलीबारी से निपटना
अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सेना को घाटी में ऑपरेशन ऑलआउट भी जारी रखना है और साथ ही बॉर्डर पर भी पाकिस्तान के नापाक इरादों से निपटना है। आपको बता दें कि बॉर्डर पर पाकिस्तान आए दिन गोलीबारी कर रहा है, जिसमें भारतीय सेना और कश्मीरी नागरिकों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है।
Published on:
18 Jun 2018 09:40 am
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