इतना ही नहीं एनसीएलटी ने नवनियुक्त प्रशासक को लंबे समय से पेंडिंग मेंबरशिप लिस्ट को नए सिरे से जारी करने का अधिकार भी दे दिया है। इसके अलावा सदस्यता शुल्क की वृद्धि पर रोक व अन्य मामले में भी उसे फैसला लेने का अधिकार होगा।
बता दें कि लंबे समय से दिल्ली जिमखाना बोर्ड पर अनियमितता के आरोप लग रहे थे। नेशनल कंपनी लॉ एपिलेट ट्रिब्यूनल ने जांच में आरोपों को सही पाया। बोर्ड पर आरोप था कि जिस मकसद से जिमखाना क्लब का गठन किया गया उस दिशा में कोई काम नहीं हो रहा था। सदस्यों से लिए जा रहे फंड का दुरुपयोग दशकों से जारी था।