scriptNCB की जांच में बड़ा खुलासा : रिया का ड्रग्स पैडलर्स करता था डार्कनेट का इस्तेमाल | Big reveal in NCB investigation: Riya's drugs paddlers used darknet | Patrika News

NCB की जांच में बड़ा खुलासा : रिया का ड्रग्स पैडलर्स करता था डार्कनेट का इस्तेमाल

locationनई दिल्लीPublished: Aug 30, 2020 05:28:15 pm

Submitted by:

Dhirendra

Rhea Chakraborty जिस पैडलर्स से ड्रग्स लेती थी, वह डार्कनेट के ज़रिए विदेशों से मंगाता था ड्रग्स।
NCB के लिए ड्रग्स पैडलर्स तक पहुंचना लगभग मुश्किल भरा काम।
Darknet का इस्तेमाल करने वाले 94 फीसदी लोग जुर्म की दुनिया का होते हैं हिस्सा।

ncb probe

Rhea Chakraborty जिस पैडलर्स से ड्रग्स लेती थी, वह डार्कनेट के ज़रिए विदेशों से ड्रग्स मांगता था।

नई दिल्ली। बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत ( Shusant Singh Rajput Death Case) में रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं। रविवार को इस मामले में ड्रग्स एंगल की जांच कर रही नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो नया खुलासा किया है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ( Narcotics Control Bureau ) ने दावा है कि सुशांत के हत्या की मुख्य आरोपी रिया चक्रवर्ती ( Rhea Chakraborty ) जिस पैडलर्स से ड्रग्स ( Drugs paddlers ) लेती थी, वह डार्कनेट ( Darknet ) के ज़रिए विदेशों से ड्रग्स मांगता था।
ड्रग्स पैडलर्स तक पहुंचना मुश्किल

अगर ये बाद सही है तो फिर ड्रग्स पैडलर्स तक एनसीबी टीम का पहुंचना लगभग मुश्किल है। ऐसा इसलिए कि डार्कनेट पर फेक आईडी के जरिए सारा कारोबार होता है। बता दें कि रिया चक्रवर्ती के कुछ व्हाट्सएप चैट सामने आए हैं जहां से ड्रग्स खरीदने की चर्चा सामने आई थी।
दूसरी तरफ सुशांत सिंह राजपूत मामले की जांच कर रही CBI की टीम लगातार तीसरे दिन रिया से पूछताछ कर रही है। साथ ही सीबीआई ने इस मामले में आज गौरव आर्या, सुशांत की बहन मीतू सिंह, उनके जीजा, सैमुअल मिरांडा को समन जारी किया है।
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CBI की जांच टीम ने रिया से पिछले दो दिनों में 17 तक पूछाताछ कर चुकी है। सीबीआई ने यह पूछताछ मुंबई के DRDO स्थित गेस्ट हाउस में की है। जांच एजेंसी की टीम इसी गेस्ट हाउस में ठहरी है।
क्या है डार्कनेट

दरअसल, डार्कनेट को जुर्म की दुनिया का सबसे बड़ा प्लेटफॉर्म माना जाता है। इस प्लेटफॉर्म पर ड्रग्स, कॉन्ट्रैक्ट किलिंग समेत किसी भी वारदात के लिए सामान मिलता है। जुर्म की दुनिया में सिर्फ 4% लोग ही इंटरनेट के स्पेस का इस्तेमाल करते है। 94% मामलों में स्पेस डार्कनेट या डीप डार्कनेट में इस्तेमाल होता है। डार्कनेट ( Darknet ) के जरिए फेक आईडी तैयार करके किसी भी तरह ने जुर्म के टूल्स को मंगाया जा सकता है। इसमें आईडी फ़र्ज़ी होने की वजह से आरोपी तक पहुंचना बेहद मुश्किल होता है।
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