22 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

बिहार खादी बोर्ड की अपील..हफ्ते में दो बार खादी पहनें अधिकारी

खादी बोर्ड ने सरकारी कार्यालयों, सर्किट हाउस और गेस्ट हाउस में खादी या हथकरघा के असबाब का इस्तेमाल करने के लिए भी अनुरोध किया है।

2 min read
Google source verification
Bihar khadi board tells govt staff to wear khaadi twice a week

Bihar khadi board tells govt staff to wear khaadi twice a week

पटना। बिहार में अब सरकारी कर्मचारियों को सप्ताह में दो बार खादी के कपड़े पहनने होंगे। खादी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बिहार राज्य खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड ने आईएएस अधिकारी सहित सरकारी कर्मचारियों से खादी पोशाक को सप्ताह में कम से कम दो बार पहनने का अनुरोध किया गया है।

नीतीश कुमार भी कर चुके हैं अपील
गौरतलब है कि बिहार में इस साल चंपारण सत्याग्रह शताब्दी महोत्सव बड़े पैमाने पर मनाया जा रहा है। इस मौके पर बोर्ड खादी को बढ़ावा देने पर जोर दे रहा है। विदित हो कि नीतीश कुमार भी सरकारी विभागों और जिला मजिस्ट्रेट्स को खादी का अधिक से अधिक उपयोग करने की अपील कर चुके हैं।

अपील का दिखने लगा असर
खादी बोर्ड के सीईओ बी.एन प्रसाद के मुताबिक बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खादी को बढ़ावा देने के अभियान के तहत उन्होंने यह अपील की है। इस अपील का असर होता भी दिखाई दे रहा है। कई अधिकारियों ने खादी के स्टोर्स पर जाकर खादी के कपड़े खरीदना शुरू भी कर दिया है। वहीं कई कर्मचारी खादी पहनकर ऑफिस भी पहुंचने लगे हैं।

सरकारी कार्यालयों में खादी का इस्तेमाल
बोर्ड ने सरकारी कार्यालयों, सर्किट हाउस और गेस्ट हाउस में खादी या हथकरघा के असबाब का इस्तेमाल करने के लिए भी अनुरोध किया है। बिहार राज्य हथकरघा बुनकर सहकारी लिमिटेड के अध्यक्ष नाकूब अहमद ने कहा कि सरकारी कार्यालयों में हथकरघा और खादी का इस्तेमाल उद्योग को बढ़ावा देगा।

हथकरघा उद्योग को संजीवनी मिलने की उम्मीद
नालंदा जिले के बसवान बिगहा गांव में परंपरागत तरीके से बावां बूटी के परदे बनाए जा रहे हैं। यहां बुनकरों द्वारा 52 किस्मों के परदे तैयार किए जाते हैं। ऐसे में यदि सरकारी कार्यालयों में इनके द्वारा तैयार किए गए माल का इस्तेमाल होता है तो निश्चित रूप से ये बुनकरों में नई ऊर्जा पैदा करेगा। अहमद के मुताबिक नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टैक्नोलॉजी के साथ मिलकर भी नई डिजाइन बनाने और लोगों के मूड और माहौल के अनुरूप कुछ नए पैटर्न तैयार किए जा रहे हैं। कई बुनकरों के पावरलूम में चले जाने के बावजूद अभी भी सूबे में तकरीबन 5000 हथकरघा सक्रिय हैं।