
नई दिल्ली। पहले चमकी, फिर बाढ़ और अब आकाशीय बिजली यानी वज्रपात ने बिहार में करपा बरपा ( Bihar Flood And Lighting Death ) रखा है। महज 24 घंटे में वज्रपात से सूबे में 43 लोगों की मौत ही चुकी है। जबकि, बाढ़ से 17 और लोगों की जान चली गई। बताया जा रहा है कि आकाशीय बिजली से मरने वालों में ज्यादातर किसान हैं।
आकाशीय बिजली से सबसे ज्यादा जमुई में मौत
बिहार में आकाशीय बिजली से अलग-अलग जिलों में 43 लोगों की मौत (Bihar Lighting Death) हुई है। इनमें सबसे ज्यादा जमुई जिले में आठ लोगों की जान चली गई।
वहीं, भागलपुर, बांका और पूर्वी चंपारण जिलों में 4 मौतें हुईं हैं। इसके अलावा कुछ और जिलों में भी आसमानी मौत से लोग काल के गाल में समा गए।
जमुई के डीएम धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि पीड़ित परिवार के लिए चार-चार लाख रुपए मुआवजे का ऐलान कर दिया है।
गौरतलब है कि इससे पहले 19 जुलाई को बिजली गिरने से नवादा में 7 बच्चों और 1 जवान की मौत हो गई थी। इस आसमानी आफत में करीब एक दर्जन से अधिक लोग घायल हुए थे।
बाढ़ का कहर जारी
सूबे में बाढ़ का कहर अब भी जारी है। बाढ़ से प्रदेश में अब तक 123 लोगों की जान (Bihar Flood Death) जा चुकी है। जबकि 81 लाख 57 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं।
मरने वालों में सीतामढी के 37, मधुबनी के 30, अररिया के 12, शिवहर और दरभंगा के 10-10, पूर्णिया के 9, किशनगंज के 5, मुजफ्फरपुर के 4, सुपौल के 3, पूर्वी चंपारण के 2 और सहरसा का एक व्यक्ति शामिल हैं।
बिहार के बाढ प्रभावित 12 जिलों में कुल 42 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं जहां 22 हजार 400 लोग शरण लिए हुए हैं ।
पिछले 24 घंटे में बाढ़ के कारण 17 और लोगों की मौत हो गई है। बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए NDRF और SDRF की टीमें लगातार जुटी हैं।
सरकार की ओर से लगातार निगरानी की जा रही है। लेकिन, बाढ़ ने इस बार प्रदेश में विकराल रूप धारण कर लिया है।
उधर, झारखंड में भी आकाशीय बिजली से 12 लोगों की मौत हो गई है। दुमका और जामताड़ा में ये मौतें हुई हैं।
एक अधिकारी के मुताबिक, रामगढ़ में लड़कों का एक समूह मैदान में क्रिकेट खेल रहा था उसी दौरान बिजली गिरी और दो लड़कों की मौत हो गई।
Updated on:
25 Jul 2019 04:13 pm
Published on:
25 Jul 2019 12:48 pm
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