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RTI में पूछे गए सवाल: खाने में क्या पसंद है PM को, कौन लाता है सब्जी

Published: Feb 03, 2016 05:11:00 pm

पीएमओ के RTI विभाग के अधिकारियों के मुताबिक वर्ष 2015 में करीब 13 हजार आवेदन मिले, इनमें से हर RTI का जवाब दिया जा रहा है

PM Modi

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री कार्यालय का आरटीआई विभाग अजीब-गरीब आवेदनों से परेशान है। पीएम इंडिया की वेबसाइट के मुताबिक एक आरटीआई आवेदनकर्ता ने पीएमओ से पूछा कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजनीति में आने से पहले किसी रामलीला पार्टी में काम करते थे और वह किस प्रकार की भूमिका निभाते थे। हालांकि, पीएमओ ने इसका रिकॉर्ड न होने की बात कही। इस तरह के कई आरटीआई आवेदन पीएमओ को लगातार मिल रहे हैं। पीएमओ के RTI विभाग के अधिकारियों के मुताबिक वर्ष 2015 में करीब 13 हजार आवेदन मिले। इनमें से कुछ आरटीआई ऐसे हैं जिनका पीएमओ से कोई लेना-देना नहीं होता है, लेकिन हर RTI का जवाब दिया जा रहा है।

7 आरसीआर में सब्जी कौन लाता है
पीएम मोदी से आरटीआई के जरिए जो सबसे अजीब सवाल पूछा गया वो था कि पीएमओ में सब्जी कौन लाता है, कितने गैल सिलंडेर इस्तेमाल हुए, इस सवाल के जवाब में कहा गया कि प्रधानमंत्री खुद रसोई का खर्च उठाते हैं, क्योंकि वो इसे व्यक्तिगत खर्च मानते हैं।


पीएम मोदी का मोबाइल नंबर क्या है?
इसके अलावा एक आरटीआई में पूछा गया था कि पीएम मोदी कौन सा मोबाइल यूज करते हैं और उसका नंबर क्या है। इसके जवाब में कहा गया कि पीएम आई फोन यूज करते हैं, जो उनका पर्सनल फोन है। उन्हें पीएमओ से कोई मोबाइल नहीं दिया गया है, आपको कोई शिकायत करनी है तो वेबसाइट पर कर सकते हैं।

कौन सा एलपीजी सिलेंडर है पीएम के पास
एक आरटीआई आवेदन में पूछा गया कि पीएम रसोई में कौन सा एलपीजी सिलेंडर प्रयोग करते हैं। उसका बिल भी दिया जाए। इसके जवाब में पीएमओ ने लिखा कि इसका खर्चा सरकारी खाते से नहीं होता है।

इंटरनेट की स्पीड कितनी है ?
आरटीआई के जरिए एक और सवाल पूछा गया था कि प्रधानमंत्री दफ्तर में इंटरनेट की स्पीड कितनी है, जवाब में बताया गया कि प्रधानमंत्री दफ्तर में इंटरनेट की स्पीड 34 MBPS है, और इसका खर्च टेलीफोन के बिल का ही एक भाग है जिसका खर्च दफ्तर चुकाता है।

पीएम ने कितनी छुट्टी ली है अब तक
एक सवाल ये भी पूछा गया कि प्रधानमंत्री बनने के बाद से पीएम ने कितनी छुट्टी ली है, जवाब में बताया कि PM ने एक भी दिन की छुट्टी नहीं ली है, वो हमेशा काम पर रहते हैं।

पीएम ऑफिस में कितने स्टाफ हैं
आरटीआई के जरिए एक सवाल ये था कि पीएमओ में कितने स्टाफ हैं, पीएम के पर्सनल स्टाफ में कौन-कौन है और वो कितनी पढ़ाई किए हैं। इसके जवाब में बताया गया कि पीएमओ में कुल 400 स्टाफ रखा जा सकता है। अगस्त 2015 तक 309 लोग काम कर रहे थे। उनके पर्सनल स्टाफ में बद्रीलाल मीणा (चौथी पास), दिनेश मीणा (7वीं पास) और जिग्नेश भट्ट (बीए पास) हैं।

खाने में क्या पसंद है प्रधानमंत्री को
पीएमओ से एक सवाल ये पूछा गया कि पीएम को खाने में क्या पसंद है। इसके जवाब में कहा गया कि प्रधानमंत्री को गुजराती खाना पसंद है। उन्हें अपने कुक बद्रीलाल मीणा की बनाई बाजरे की रोटी और खिचड़ी भी पसंद है।

पीएम मोदी की दिनचर्या क्या है?
आरटीआई में एक सवाल पीएम की दिनचर्या को लेकर पूछा गया था, सवाल था कि पीएम अपना दिन किस तरह बिताते हैं। जवाब में कहा गया कि RTI एक्ट सेक्शन 8(1) के तहत सुरक्षा कारणों से इसकी जानकारी नहीं दी जा सकती है।

प्रधानमंत्री का सोशल मीडिया कौन देखता है
एक सवाल पूछा गया कि प्रधानमंत्री का सोशल मीडिया कौन देखता है। जवाब में बताया गया कि @PMOIndia नाम से बने अकाउंट को पीएमओ मैनेज करता है, लेकिन @narendramodi नाम से बने अकाउंट को खुद प्रधानमंत्री ही हैंडल करते हैं। विदेशी भाषा में ट्वीट करने के लिए कौन उनकी मदद करता है इसकी जानकारी नहीं है।

प्रिंसीपल सेक्रेटरी पिकनिक पर किसके साथ गए थे
एक सवाल ये पूछा गया कि प्रिंसीपल सेक्रेटरी नृपेन्द्र मिश्रा किसके साथ पिकनिक पर गए थे। इसके जवाब में कहा गया कि पीएमओ या पीएम के प्रिंसीपल सेक्रेटरी कभी अपने स्टाफ के साथ पिकनिक पर नहीं गए।

पीएमओ के लीगल सेल की शुरुआत कब हुई
आरटीआई में एक सवाल ये पूछा गया कि पीएमओ का लीगल स्टेटस क्या है और इसकी शुरुआत कब की गई। इसके जवाब में बताया गया कि बिजनेस रूल 1961 के मुताबिक पीएमओ की लीगल स्टेटस डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट है। पहले यह प्राइम मिनिस्टर सेक्रेटरिएट के रूप में जाना जाता था। इसकी शुरुआत 15 अगस्त 1947 से हुई थी।

PM बनने के बाद रिलीफ फंड की कितनी एप्लीकेशन आई
एक सवाल पूछा गया कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद पीएमओ के पास रिलीफ फंड से मदद के लिए कितनी एप्लीकेशन आई और कितनी मंजूर हुई। इसके जवाब में कहा गया कि कुल 29678 एप्लीकेशन आईं। इनमें से 12858 एप्लीकेशन मंजूर की गई, जिसके तहत 174 करोड़ रुपए की मदद की गई।

कई सवालों के जवाब नहीं दिए गए
प्रधानमंत्री दफ्तर ने कई आरटीआई सवालों के जवाब नहीं दिए, इनके पीछे सुरक्षा कारणों का हवाला दिया गया, जैसे प्रधानमंत्री मोदी को ग्रेजुएशन में कितने फीसदी नंबर मिले थे, उनको सलाह कौन देता है, अगर प्रधानमंत्री मोदी संविधान के खिलाफ जा रहे हैं तो कौन रोकने का सलाह देता है जैसे सवालों के जवाब नहीं दिए गए, लेकिन जितने अजीब सवाल पूछे गए जिनका जवाब देने से सुरक्षा मानकों का उल्लंघन नहीं होता उनके जवाब दिए गए।
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