
नई दिल्ली। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की हालत फिलहाल स्थिर बनी हुई है। सोमवार दोपहर उन्हें अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में 'नियमित परीक्षण' के लिए भर्ती कराया गया था। एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया की देखरेख में उनका इलाज चल रहा है। एम्स से मिली जानकारी के मुताबिक उन्हें लोवर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन और किडनी संबंधी दिक्कतों चलते भर्ती कराया गया था, हालांकि उनके पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक उन्हें नियमित जांच के लिए एम्स लाया गया था।
सबसे पहले राहुल गांधी
सोमवार सबसे पहले शाम करीब 6 बजे अटल बिहारी वाजपेयी को देखने राहुल गांधी एम्स पहुंच गए। राहुल करीब आधे घंटे तक एम्स में रहे और वाजपेयी जी के परिवार का हालचाल लिया।राहुल के बाद पीएम मोदी समेत तमाम बड़े नेताओं का एम्स में जमावड़ा लगने लगा। राहुल के कुछ ही देर के बाद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा एम्स पहुंंचे। उसके बाद पीएम मोदी एम्स पहुंचे। पीएम ने करीब 50 मिनट तक एम्स में वक्त बिताया और अटल जी की हालत के बारे में डॉक्टरों से बातचीत की।
राहुल के बाद पहुंचे भाजपा के दिग्गज
राहुल गांधी के पहले एम्स पहुंच जाने की खबरों के बाद भाजपा के राजनीतिक हलकों में हड़कंप मच गया। अटल जी की मातम-पुर्सी में पिछड़ने के बाद भाजपा के तमाम नेता एम्स पहुंचने लगे। अमित शाह, जेपी नड्डा और पीएम मोदी के बाद लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और गृहमंत्री राजनाथ सिंह पूर्व प्रधानमंत्री को देखने के लिए एम्स पहुंचे। भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों ने अस्पताल में वाजपेयी से मुलाकात की।
आखिर भाजपा ने पांच घंटे तक क्यों नहीं ली कोई सुध
अटल बिहारी वाजपेयी के एम्स में भर्ती होने की खबरों के बाद भी कोई भाजपा नेता पांच घंटों तक एम्स नहीं पहुंचा। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के एम्स पहुंच जाने की खबरें जब मीडिया में आनी शुरू हुईं तब भाजपा के बड़े नेताओं को अटल की याद आई। खबरों के मुताबिक भाजपा मुख्यालय में अटल जी के एम्स में भर्ती होने की खबरें तो थीं लेकिन तमाम बड़े नेताओं के किसी न किसी कार्यक्रम में व्यस्त रहने के कारण कोई नेता एम्स नहीं जा सका। मीडिया में भाजपा नेताओं द्वारा अटल जी को 'इग्नोर करने' की खबरों के बाद भाजपा में हड़कंप मचा और पहले मैं, पहले मैं की तर्ज पर नेता एम्स जाकर अटल बिहारी वाजपयी की हाल-चाल लेने लगे।
भाजपा में हाशिये पर वरिष्ठ नेता
विपक्षी पार्टियों का आरोप है कि भाजपा में अपने सीनियर लीडर्स को साइड लाइन करना पुरानी परंपरा रही है। लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, यशवंत सिन्हा, जसवंत सिंह, अरुण शौरी आदि तमाम नेता जो कभी भाजपा के मुख्य धारा के अग्रणी थे, अब या तो पार्टी में हाशिये पर हैं या तो मार्गदर्शक मंडल में रहकर एक गुमनाम सा राजनीतिक जीवन जीने पर बाध्य है। अटल बिहारी वाजपेयी की बीमारी की खबरों के बाद इस अनुमान को और बल मिलता नजर आया। हालांकि भाजपा नेता इस बात का खंडन करते हैं लेकिन राहुल गांधी ने भाजपा नेताओं से पहले एम्स पहुंच उनको सकते में डाल दिया है। यह एक ऐसा मुद्दा बनता जा रहा है जिस पर भाजपा से कोई सफाई देते नहीं बन रही है।
Updated on:
12 Jun 2018 10:28 am
Published on:
12 Jun 2018 10:14 am
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