
अरुंधति राय के खिलाफ BJP ने खोला मोर्चा
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने बुकर प्राइज विजेता (Booker Prize winner) अरुंधति रॉय ( Arundhati Roy ) के खिलाफ मोर्चा खोला दिया है। केरल बीजेपी अध्यक्ष ( Kerala BJP President ) के सुरेन्द्रन ( k surendran ) ने राज्यपाल (Governor) आरिफ खान ( Mohammad Arif Khan) को पत्र लिखकर कालीकट यूनिवर्सिटी (Calicut University) के BA पाठ्यक्रम से अरुंधित रॉय के भाषण हटाने की मांग की है।
Arundhati Roy के खिलाफ BJP ने खोला मोर्चा!
दरअसल, अरुंधति राय ( Arundhati Roy speech ) के Come September को यूनिवर्सिटी पाठ्यक्रम में पढ़ाए जाने को लेकर विवाद शुरू हो गया। BJP के प्रदेश अध्यक्ष के सुरेंद्रन ( k surendran) ने इंग्लिश (English) के तीसरे सेमेस्टर के सिलेबस से इटे हटाने की मांग की है। राज्यपाल (BJP Kerala Presidnt to Governor ) को लिखे पत्र में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि इस भाषण ने देश की अखंडता और संप्रभुता पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि इस भाषण को सिलेबस में शामिल करने से शिक्षाविदों और जनता में रोष बढ़ रहा है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि जिहादी साहित्य को आखिकार विश्वविद्याल ने पाठ्यक्रम में क्यों शामिल किया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि इसके पीछे का मकसद धर्म के नाम पर विश्वविद्यालय को बांटना है। के सुरेन्द्रन ने कहा कि यह पाठ्यक्रम हिन्दुओं के खिलाफ है और इसे फासीवादी बताया गया है। लिहाजा, सिलेबस ( syllabus ) से इस पाठ्यक्रम को हटाया जाए। गौरतलब है कि अरुंधति राय के इस स्पीच को पिछले साल सिलेबस में शामिल किया गया था।
भाषण को सिलेबस से हटाने की मांग
वहीं, यूनिवर्सिटी बोर्ड ऑफ स्टडीज ( University Board of Studies ) की चेयरपर्सन डॉ. आबिदा फारूकी ( Abida Farooqui ) का कहना है कि अब तक इस पाठ्यक्रम को लेकर कोई विरोध नहीं हुआ था। उन्होंने कहाकि सिलेबस में शामिल होने स पहले अकादमिक परिषद ने इसकी पुष्टि की थी। किसी ने कोई आरोप नहीं लगाया। वहीं, कालीकट यूनिवर्सिटटी (Calicut University) के रजिस्ट्रार डॉ. सी एल जोशी (C L Joshi ) का कहना है कि फिलहाल इस मसले पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। उन्होंने कहा कि आखिरी फैसाल अकादमिक परिषद द्वारा लिया जाएगा। इधर, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय सचिव अतुल कोठारी (Atul Kothari ) ने भी इस पाठ्यक्रम का विरोध शुरू कर दिया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi), मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ( Ramesh Pokhriyal Nishank ) और केरल के राज्यपाल मोहम्मद आरिफ खान को पत्र लिखकर पाठ्यक्रम से इस भाषण को हटाने की मांग की है। हालांकि, सरकार की ओर से अब तक इस मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
Published on:
29 Jul 2020 01:33 pm
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