
दिल्ली में न घुसने देने पर भाकियू नेता बोले- "क्या हम पाकिस्तान या बांग्लादेश चले जाएं?"
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश और दिल्ली की सीमा पर हजारों किसानों के आंदोलन ने मंगलवार को उस समय हिंसक रूप धारण कर लिया जब उन्होंने बेरीकेडिंग तोड़ने और अपने ट्रैक्टरों से राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने की कोशिश की। इसके बाद उन्हें खदेड़ने के लिए पुलिस को पानी की बौछारों और आंसू गैस के गोलों का उपयोग करना पड़ा। एक प्रदर्शनकारी किसान ने कहा कि पुलिस की कार्रवाई में कई लोग घायल हो गए जिनमें एक प्रदर्शनकारी बेहोश हो गया। उन्होंने यह भी दावा किया कि प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए पुलिसकर्मियों ने 'लाठीचार्ज' भी किया।
वहीं, भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा ''हमें यहां (यूपी-दिल्ली बॉर्डर) पर क्यों रोका गया है? किसान नेता ने कहा कि रैली बेहद अनुशासित ढंग से आगे बढ़ रही थी। बावजूद इसके हमें दिल्ली में दाखिल नहीं होने दिया गया। अगर हम अपनी समस्याओं के बारे में अपनी सरकार को नहीं बताएंगे तो किसे बताएंगे? क्या हम पाकिस्तान या बांग्लादेश चले जाएं?"
पूर्ण ऋण माफी और विद्युत दरों में कमी सहित अन्य मांगों को लेकर 'किसान क्रांति यात्रा' के बैनर तले हरिद्वार से चलकर दिल्ली जा रहे किसानों को पुलिस ने गाजियाबाद सीमा पर रोक दिया। प्रदर्शनकारियों ने अपनी 10 दिवसीय यात्रा भारतीय किसान यूनियन की अगुआई में शुरू की थी। प्रदर्शनकारी मंगलवार को उत्तर प्रदेश - दिल्ली की सीमा पर पहुंच गए। प्रदर्शन को देखते हुए दोनों प्रदेशों की सीमा पर भारी सुरक्षा बल तैनात कर दिया गया और राष्ट्रीय राजधानी में कुछ इलाकों में धारा 144 भी लागू कर दी गई थी।
Published on:
02 Oct 2018 01:28 pm
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